अब आप किराना दुकानों पर भी बीयर खरीद सकेंगे। जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने राज्य के बड़े डिपार्टमेंटल स्टोर्स को बीयर बेचने की अनुमति दे दी है। हालांकि प्रशासन के इस फैसले पर राज्य के लोगों ने आपत्ति करते हुए कहा है कि इस तरह शराब बेचना लोगों के हित में नहीं होगा और भविष्य में इसके नुकसान देखने को मिलेंगे।
खबरों के अनुसार उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई एक मीटिंग में इस बात का निर्णय लिया गया। मीटिंग में राज्य के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता और उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर भी मौजूद थे।
मीटिंग में लिए गए निर्णय के तहत अब राज्य के बड़े डिपार्टमेंटल स्टोर्स को राज्य के बड़े शहरों व प्रमुख स्थानों पर बीयर और दूसरे पेय पदार्थ बेचने की अनुमति दे दी गई है। बीयर बेचने के इच्छुक डिपार्टमेंटल स्टोर्स के लिए कुछ शर्तें भी तय की गई हैं जिनकी पालना करने पर ही उन्हें यह अनुमति दी जाएगी।
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सालाना दो करोड़ रुपए का होना चाहिए टर्न ओवर, लाइसेंस भी लेना होगा
बीयर बेचने के इच्छुक डिपार्टमेंटल स्टोर्स के लिए कुछ शर्तों की पालना करना अनिवार्य होगा जैसे (1) डिपार्टमेंटल स्टोर कम से कम एक वर्ष पुराना हो, (2) बड़े शहरों में बीयर बेचने के लिए डिपार्टमेंटल स्टोर्स का वार्षिक टर्न ओवर पांच करोड़ रुपए होना चाहिए। छोटे शहरों के लिए यह सीमा दो करोड़ रुपए रखी गई है, (3) बीयर बेचने के लिए डिपार्टमेंटल स्टोर्स को सरकार से लाइसेंस लेना होगा।
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हर वर्ष हजारों करोड़ रुपए की राजस्व आय मिलती है सरकार को
राज्य के आबकारी विभाग के अनुसार कश्मीर में बीयर लोगों का पसंदीदा ड्रिंक है। सरकारी अधिकारियों के अनुसार मार्च 2014 से नवंबर 2016 तक सेंट्रल कश्मीर (श्रीनगर-बडगाम-गांदेरबल) में बीयर की 52 लाख बॉटल्स की बिक्री हुई थी। ऐसे में सरकार इसे बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है। उल्लेखनीय है कि लगभग आठ महीने पूर्व भी राज्य में 51 नई वाइन शॉप्स भी खोली गई थी जिनमें से छह कश्मीर में तथा बाकी जम्मू में खोले गए थे।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार मार्च 2014 से नवंबर 2016 तक के बीच राज्य में कुल 17,569 करोड़ रुपए की शराब बेचने पर प्रशासन को 7,292.84 करोड़ रुपए की राजस्व आय प्राप्त हुई थी। सरकार का मानना है कि डिपार्टमेंटल स्टोर पर शराब बेचने पर शराब की बिक्री बढ़ेगी और सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा।