IRCTC Data Monetization : इंडियन रेलवे केटरिंग एंट टूरिज्म कॉरपोरेशन ने यात्रियों का डाटा बेचने के अपने प्रस्ताव को वापस ले लिया है। यात्रियों का डाटा बेचने के इस प्रस्ताव पर लोगों ने काफी विरोध जताया था। बता दें कि डाटा मोनेटाइजेशन के लिए एक सलाहकार की नियुक्ति के लिए टेंडर जारी की रिपोर्ट आई थी, जिसके बाद संसदीय समिति ने IRCTC के अधिकारियों को तलब किया गया था।
संसदीय समिति के सामने पेश हुईं IRCTC की चेयरपर्सन
IRCTC के अधिकारियों का कहना है कि हमारी इस योजना पर लोगों ने कड़ा विरोध जताया, उन्होंने इसे निजता का उल्लंघन बताकर अपनी प्राइवेसी को खतरा बताया था. जिसके बाद कॉरपोरेशन ने 1000 करोड़ रुपए की इस योजना (IRCTC Data Monetization) को त्याग दिया। IRCTC की एमडी और चेयरपर्सन रजनी हसीजा कॉरपोरेशन के अधिकारियों के साथ संसदीय समिति के सामने पेश हुई थीं। उन्होंने समिति को जवाब देते हुए बताया कि उन्होंने इस योजना के टेंडर को वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि डेटा प्रोटेक्शन एक्ट को मंजूरी नहीं मिलने के चलते इस टेंडर को वापस ले लिया गया है।
इन डेटा को बेचने की थी तैयारी
बता दें कि इस IRCTC जिन डेटा (IRCTC Data Monetization) को बेचने की तैयारी कर रहा था, उनमें कई सार्वजनिक एप्लीकेशन द्वारा दर्ज जानकारियां शामिल थीं। इनमें यात्री का नाम, मोबाइल नंबर, उसकी आयु, पता, ईमेल, यात्रा का कोटा, लॉगइन का पासवर्ड शामिल है।