राजस्थान में निवेश को प्रोत्साहित करने तथा राज्य को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए Invest Rajasthan Summit 2022 का आयोजन किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस समिट के दौरान कई नए समझौतों पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं जो आने वाले समय में राज्य को आर्थिक तरक्की की राह पर अग्रसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार ने अब तक 10.44 लाख करोड़ रुपए के 4,192 प्रोजेक्ट्स (एमओयू और एलओआई) पर हस्ताक्षर कर अपनी सहमति दे दी है। यही नहीं, इनमें से 1,680 प्रोजेक्ट्स का क्रियान्वयन भी शुरू कर दिया गया है।
राज्य सरकार ने बताए, किन समझौतों पर बनी सहमति
सरकारी अधिकारियों के अनुसार समिट में कई इन्वेस्टर मेगा प्रोजेक्ट्स में रुचि दिखा रहे हैं। इनमें से ग्रीन एनर्जी, ग्लास मैन्यूफैक्यूचरिंग और दूसरी इंडस्ट्रीज प्रमुख है। अमोनिया प्रोजेक्ट और ग्रीन हाईड्रोजन प्रोजेक्ट पर राज्य में लगभग 40,000 करोड़ रुपए इन्वेस्ट करने का प्रस्ताव आ चुका है। इसी तरह राज्य में तेज धूप और सौर ऊर्जा की प्रचुरता को देखते हुए यहां पर अक्षय ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा सेक्टर में 25,000 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट का भी प्रस्ताव रखा गया है।
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सेंट गोबेन ने अलवर पर में 1000 करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट से फ्लोट ग्लास मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने का प्रपोजल रखा है, साथ ही असाही इंडिया ग्लास लिमिटेड ने भी चित्तौड़गढ़ में 1400 करोड़ रुपए इन्वेस्ट करने का प्रस्ताव दिया है। देश की अग्रणी आईटी कंपनी विप्रो भी जयपुर में हाईड्रोलिक सिलेंडर प्रोजेक्ट में 200 करोड़ रुपए इन्वेस्ट करेगी। इनके अलावा भी कई दूसरे प्रोजेक्ट्स सरकार के पास चर्चा के लिए आए हुए हैं।
समिट में एलएन मित्तल, गौतम अडाणी, सी. के. बिरला, पुनीत चटवाल, डॉ. प्रवीर सिन्हा, कमल बाली, अजय श्रीराम, अनील अग्रवाल, बी सन्थानम तथा संजीव पुरी जैसे बड़े उद्योगपति शामिल हो रहे हैं।
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सरकार देगी वन स्टॉप शॉप सुविधा
राज्य सरकार ने राज्य में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए वन स्टॉप शॉप जैसी सुविधाओं को शुरू किया है। इसके तहत दस करोड़ रुपए से अधिक के इन्वेस्टमेंट वाले प्रस्तावों को प्राथमिकता से कार्यान्वित किया जाएगा। इसके लिए सरकार के विभिन्न विभाग मिलकर एक साथ काम करेंगे तथा उद्योगों को लालफीताशाही से मुक्त कर व्यापार के लिए अनुकूल माहौल एवं सुविधाएं उपलब्ध करवाएंगे।
इस कार्य में सरकार द्वारा समय-समय पर बनाई गई पॉलिसीज (जैसे राजस्थान इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट पॉलिसी-2019, राजस्थान सोलर एनर्जी पॉलिसी-2019, राजस्थान विंड एंड हाइब्रिड एनर्जी पॉलिसी, 2019) को भी व्यापारोन्मुख बनाया गया है।