Mother’s day, एक ऐसा दिन जिसे खास तौर पर माताओं को सम्मान देने और पूरी जिंदगी अपने बच्चों के लालन पालन में देने के लिए मनाया जाता है। वैसे तो हर मां जितना अपने बच्चे के लिए करती है उस हिसाब से हर दिन मदर्स डे होना चाहिए। लेकिन क्या आपके मन में कभी ये ख्याल नहीं आया कि खास तौर पर आज ही के दिन यानी 14 मई को ही मदर्स डे क्यों मनाया जाता है। चलिए जानते हैं इस खूबसूरत दिन के पीछे छुपी दिलचस्प कहानी।
मां से मिली प्रेरणा
ऐना जब 12 साल की थीं तक उनकी मां ने उन्हें बाइबल के एक पाठ के बारे में बताया जो मां के ऊपर था। उस समय पाठ को समझते हुए ऐना की मां ने उनसे कहा कि दुनिया में एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब लोग मां के महत्व को समझेंगे और उनके लिए एक खास दिन मनाएंगे। क्योंकि ये वो दौर था जब लोग सिर्फ मर्दों को या उनसे जुड़े बलिदानों को ही महत्व देते थे। ऐना ने मां के गुजर जाने के 2 साल बाद mother’s day को नेशनल हॉलीडे मानने के लिए अपनी दोस्तों का साथ मांगा था। उनका उद्देश्य था की मां के जिंदा रहते हम उनके संघर्ष और बलिदानों को समझे जो की आम तौर पर बच्चें नहीं समझते। कुछ इस तरह 14 मई, 1914 को संयुक्त राज्य अमेरिका की संसद ने मदर्स डे घोषित किया।
सिविल वार से शुरू हुई कहानी
Mother’s day के इतिहास को जानने के लिए हमें 19वी सदी में जाना होगा। ये बात तब की है जब अमेरिका सिविल वार में कई बेगुनाह जानों को खो रहा था। इस दौरान कुछ वुमेन पीस ग्रुप्स ने शांति के पक्ष में और युद्ध के खिलाफ छुट्टियों और रेगुलर एक्टिविटीज को स्थापित करने की कोशिश की। इसके लिए कुछ माताओं ने एक ग्रुप बनाया जिनके बच्चे इस वार का हिस्सा थे। कई मीटिंग्स के बाद साल 1868 में एन जार्विस ने मदर्स फ्रेंडशिप डे की स्थापना के लिए एक कमेटी बनाई, जिसका उद्देश्य सिविल वॉर के दौरान विभाजित परिवारों को फिर से जोड़ना था।
क्या है Mother’s day का महत्व
मां का कोई दिन नहीं होता, क्योंकि माएं जो हमारे लिए हर दिन करती हैं उस बात का शुक्रिया केवल एक दिन नहीं किया जा सकता। लेकिन मां के छोटे-बड़े त्याग पर हम ध्यान दे सके और उन्हें हर बात के लिए धन्यवाद दें इसलिए इस दिन को मनाया जाता है। तो इस Mother’s day आप भी अपनी मां के के पास जाएं और उनकी परेशानियां सुने और जैसे वो आपनी परेशानियों का हल निकालती है, वैसे ही आप भी उन्हें समझने की कोशिश करें।