जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ईआरसीपी (ERCP) को लेकर बयान दिया है। ईआरसीपी का मुद्दा उठाते हुए सीएम गहलोत ने पीएम मोदी और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर हमला बोला। मुख्यमंत्री गहलोत ने एक इंटरव्यू में कहा, मध्य प्रदेश सरकार की ओर से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के चल रहे काम पर रोक लगवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका राजस्थान को अपने हिस्से के पानी से वंचित करने का प्रयास है।
ईआरसीपी को लेकर मध्य प्रदेश सरकार का सुप्रीम कोर्ट जाना उससे केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बातों की पोल खुल गई। “राजस्थान में चल रहे काम को रुकवाने का प्रयास किया जा रहा है। इस काम को रोकने के लिए मध्य प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में गई है। इससे केंद्र सरकार व राजस्थान केंद्रीय मंत्री एक्सपोज हो गए है। एक राज्य के हितों को बलि देने के लिए एक बीजेपी शासित राज्य आगे आया है। काम रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में केस फाइल किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। मध्य प्रदेश सरकार किसके इशारे पर सुप्रीम कोर्ट गई है। राजस्थान की जनता में बहुत आक्रोश हैं। इसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, केंद्र सरकार को इसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे। बता दें कि ईआरसीपी को लेकर मध्य प्रदेश सरकार नौनेरा बांध के निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
सीएम गहलोत ने कहा, साल 2010 में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) राजस्थान-मध्य प्रदेश अंतरराज्यीय स्टेट कंट्रोल बोर्ड की बैठक के निर्णय के अनुसार बनाई गई है। इसी निर्णय को आधार बनाकर मध्य प्रदेश ने अपने यहां कुण्डलिया और मोहनपुरा बांध निर्मित किए हैं। केंद्रीय जल आयोग की गाइडलाइंस के अनुरूप राजस्थान में काम चल रहा है। जिसके चलते कोटा जिले में कालीसिंध नदी पर बड़ोद के पास नौनेरा बांध बन रहा है। नौनेरा बांध पर चल रहे कार्य को रूकवाने का काम चल रहा है। बता दें कि, ईआरसीपी योजना आने से प्रदेश के 13 जिलों झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर और अजमेर के लोगों को पानी मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बोला हमला…
सीएम गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा, ईआरसीपी को लेकर पीए मोदी ने दौसा के अंदर जो फार्मूला दिया था वो भी एक्सपोज हो गया। बीजेपी के शासन में सोच समझ कर जिस प्रकार से ईआरसीपी योजना बनी थी। केंद्रीय जल आयोग के आधार पर 2010 में गाइडलाइन बनी थी जिसको लेकर मध्य प्रदेश और राजस्थान में समझौता हुआ था। उसी गाइडलाइंस के बावजूद राजस्थान में जो काम चल रहा है। मध्यप्रदेश सरकार ने नौनेरा बांध पर चल रहे काम को रूकवा दिया है। ऐसे में पूरी तरह से केंद्र सरकार के मंत्री और केंद्र सरकार खुद ही एक्सपोज हो गई है। एक राज्य के हितों को बलि देने के लिए किस प्रकार से बीजेपी राज्य आगे आया है और सुप्रीम कोर्ट में केस फाइल कर दिया है। काम को रोक दो। इससे बड़ी बात क्या होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बारे में हस्तक्षेप करना चाहिए। अभी राजस्थान के दौसा में आकर गए। प्रधानमंत्री इस पूरे केस को दिखवाए कि मध्यप्रदेश राज्य ने किसके इशारे पर सुप्रीम कोर्ट में ये केस फाइल किया है। राजस्थान की जनता में बहुत आक्रोश है। वह इस बात को बर्दास्त नहीं करेगी। सरकार को इसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे।