राजस्थान सरकार में जलदाय विभाग के मंत्री और मुख्य सचेतक महेश जोशी ने आज अपने बयान से चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। दरअसल महेश जोशी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वे किसी भी पद के लिए लालसा नहीं रखते हैं। उनसे पार्टी आलाकमान एक पद ले या दोनों पद वापस ले ले। यह पार्टी आलाकमान को तय करना है मुझे नहीं। महेश जोशी ने कहा कि मुख्य सचेतक का पद वैसे भी कुछ ऐसा नहीं है कि उसमें किसी तरह का कोई अतिरिक्त लाभ मिले। बल्कि इस पद से तो दूसरी जिम्मेदारी आ जाती है। यहां तक कि जब विधानसभा का सत्र चलता है तो फ्लोर मैनेजमेंट के चलते हम बाहर भी नहीं जा सकते।
कोई अतिरिक्त लाभ का नहीं है पद
महेश जोशी ने कहा कि मैं तो खुद चाहता हूं कि कांग्रेस आलाकमान जिसे सही समझे, उसे मुख्य सचेतक का पद दे दे। जोशी ने कहा कि इससे एक लाभ यह होगा कि कांग्रेस विधायक को एक स्थान मिलेगा। जोशी ने कहा कि अगर किसी मंत्री को मुख्य सचेतक का पद दिया जाता है। तो उसे कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिलता। अब इसके आगे मेरी क्या भूमिका होगी यह पार्टी आलाकमान तय करेगा।
आलाकमान की एडवाइजरी का उल्लंघन करूं ?
वहीं जब महेश जोशी से पायलट समर्थक विधायक रामनिवास गावड़िया के RTDC अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौर पर किए गए जुबानी हमले के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, मैं आलाकमान की दी हुई एडवाइजरी का उल्लंघन नहीं करूंगा। आलाकमान से सख्त आदेश है कि कोई भी किसी भी तरह की बयानबाजी नहीं करेगा ना ही इसके बीच में आएगा। तो क्या आप यह चाहते हैं कि मैं आलाकमान के एडवाइजरी का उल्लंघन करूं।
बता दें कि 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक के बहिष्कार को लेकर संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक पत्र जारी कर नेताओं को एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करने पर रोक लगाई थी। साथ ही इसमें बीच में ना पड़ने की भी नसीहत दी थी।
एक व्यक्ति एक पद के संकल्प से जो़ड़कर देखा जा रहा है बयान
वहीं महेश जोशी के इस बयान को उदयपुर चिंतन शिविर में लिए गए फैसले से जोड़कर भी देखा जा रहा है। जिसमें निर्णय हुआ था कि एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला पार्टी के हर सदस्य पर लागू होगा। इसी के आधार पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। क्योंकि अगर वह अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ते हुए राजस्थान के सीएम नहीं रहते, जिसका गहलोत समर्थक विधायकों ने विरोध किया था।
दूसरी तरफ राहुल गांधी ने भी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से इनकार किया था क्योंकि वे पहले से ही सांसद हैं। इसलिए इस बयान को उदयपुर संकल्प से जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि महेश जोशी सरकार के मुख्य सचेतक के साथ-साथ जलदाय विभाग मंत्री भी हैं।