अलवर शहर के अखेपुरा मोहल्ले में स्थित कब्रिस्तान की जमीन को दीगर व्यक्ति के नाम करने के मामले में गहलोत सरकार ने अलवर के उपखंड अधिकारी प्यारे लाल सोठवाल और अलवर तहसीलदार कमल पचौरी को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। राज्य सरकार ने दोनों अधिकारियों का मुख्यालय जयपुर किया है और इनके खिलाफ जांच करने के आदेश दिए गए हैं।
पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता नसरू खान ने लिखा था सीएम को पत्र
वहीं राज्य सरकार के आदेश पर उपखंड अधिकारी ने पूर्व में ही दीगर व्यक्ति के नाम कब्रिस्तान की जमीन की डिक्री देने के मामले में अपने आदेशों को अपास्त कर दिया और इस आराजी जमीन को बहाल कर दिया। बता दें कि अलवर के अखेपुरा मोहल्ले में स्थित मेव समाज की कब्रिस्तान की करीब 7 बीघा जमीन को उमरेन के पूर्व प्रधान शिवराम गुर्जर के पुत्र के नाम करने के मामले को लेकर पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता नसरू खान ने इस मामले की जांच की मांग की थी और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था।
मंत्री टीकाराम जूली पर लगाया प्रभाव का गलत इस्तेमाल का आरोप
पूर्व मंत्री नरूका ने आरोप लगाया था कि अलवर जिले के मंत्री टीकाराम जूली ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपने खास शिवराम गुर्जर के परिवार के नाम इस कब्रिस्तान की जमीन को दूसरे के नाम डिक्री कर दी। जिला प्रशासन द्वारा कब्रिस्तान की जमीन को बहाल नहीं करने के मामले को लेकर गांव गांव जाकर मेव समाज ने आक्रोश सभा शुरू की थी। समाज ने एक नवम्बर को बड़े स्तर पर मौन जुलूस निकालने का एलान किया था। वहीं 2 नवंबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दौरे से 2 दिन पहले ही सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए दोनों अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया। क्योंकि मेव समाज ने चेतावनी दी थी कि इस बात को लेकर मेव समाज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलेगा।