Rajasthan : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सड़कों के निर्माण में क्वालिटी से समझौते और भ्रष्टाचार को लेकर अफसरों की जमकर खिंचाई कर डाली। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल कई एक्सईएन व नीचे के अधिकारी ठेकेदार के साझेदार बन जाते हैं और ठेकेदार गुणवत्ता से समझौता करता है। बिजनेस पार्टनर से रिश्ते भी निभाता है। इस बेईमानी के कारण सड़कें इतनी खराब गुणवत्ता की बनती हैं कि बनने के साल-छह महीने में टूट जाती हैं। मुख्यमंत्री निवास से गुरुवार को राज्य में विभिन्न सड़क परियोजनाओं का ऑनलाइन शिलान्यास और उद्घाटन कार्यक्रम में गहलोत ने कहा कि समय के साथ बहुत बदलाव आया है, भ्रष्टाचार बढ़ गया है।
गुजरात पर कटाक्ष
मुख्यमंत्री प्रदेश की सड़कों के बेहतर होने का दावा करते हुए कहा कि राज्य में 20 साल में सड़कों में अच्छा काम हुआ है। राजस्थान की सड़कें अब गुजरात से अच्छी हो गई हैं। पहले कहा जाता था कि आप गुजरात से आ रहे हैं, और झटकों से नींद खुल जाए तो समझो कि राजस्थान आ गया। अब गुजरात के लोग कहते हैं राजस्थान से यात्रा करते वक्त झटकों से नींद खुल जाए तो समझो गुजरात आ गया।
जनता में गलत जाता है मैसेज
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि ठेकेदार जानबूझकर उस सड़क को रिपेयर नहीं करता है। जनता तकलीफ पाती है। जनता में मैसेज गलत जाता है। हमारी लापरवाही से जनता तकलीफ पाती है। ठेकेदार पाबंद है और टेंडर एग्रीमेंट में होता है कि सड़क की रिपेयरिंग की जिम्मेदारी ठेकेदार की है, फिर मॉनिटरिंग का काम कौन करेगा। इसलिए अफसर अपने दिल से पूछकर काम करें कि वे पोस्ट पर बैठे हैं तो जनता की तकलीफ का ध्यान रखें।
क्वालिटी चीफ इंजीनियर पर निर्भर
सीएम गहलोत ने कहा कि हम सड़कों को बनाने के बाद थर्ड पार्टी जांच भी करवा रहे हैं। सड़कों की क्वालिटी चीफ इंजीनियर पर निर्भर है। आपके यहां आजादी के बाद से जो सिस्टम बना हुआ है, वह सिस्टम है। आप ठेकेदारों को दो टूक कह दीजिए कि क्वालिटी से समझौता बर्दाश्त नहीं होगा। मैं दो टूक कहना चाहता हूं कि मैं नीचे वालों को जिम्मेदार नहीं मानूंगा, जिम्मेदारी चीफ इंजीनियर की है। जो गड़बड़ी करते हैं उन्हें आप एपीओ करें, खिंचाई करें, कुछ भी करें, लेकिन सड़कों की क्वालिटी से समझौता बर्दाश्त नहीं होगा।