नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने आज देश के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत को जलसेना को सौंपा। एयरक्राफ्ट कैरियर का अनावरण करते हुए उन्होंने कहा कि INS विक्रांत सिर्फ एक वॉरशिप नहीं, बल्कि समंदर में तैरता शहर है। इस मौके पर उनके साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन भी उपस्थित थे। पीएम मोदी आज सुबह साढ़े नौ बजे कोच्चि स्थित कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में पहुंचे जहां पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
1971 की भारत-पाक जंग में INS विक्रांत ने निभाई थी अहम भूमिका
आजाद भारत के इतिहास में वर्ष 1971 को अत्यन्त महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष हुई भारत पाक जंग में भारत ने न केवल पाकिस्तान को हराया बल्कि उसके एक हिस्से को अलग कर नए देश बांग्लादेश की नींव भी रखी। भारत पाक की इस जंग में INS विक्रांत ने अपने सीहॉक लड़ाकू विमानों से दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया था। इस विशाल जहाज को 31 जनवरी 1997 को नेवी से रिटायर कर दिया गया।
25 वर्षों बाद हुआ है INS विक्रांत का पुनर्जन्म
वर्ष 1999 में कारगिल की जंग के बाद अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली तत्कालीन भारत सरकार ने एक नए स्वदेशी विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने का प्रस्ताव रखा। इस प्रोजेक्ट को वर्ष 2002 में सरकार ने अनुमति दे दी और इस पर काम शुरू हो गया। इसके बाद वर्ष 2009 में INS विक्रांत की कील रखी गई और इसके कंस्ट्रक्शन का कार्य आरंभ हुआ।
लगातार 13 वर्षों की अनवरत मेहनत के बाद नया INS विक्रांत तैयार हुआ जिसे 4 अगस्त 2021 को पहली बार समुद्र में उतारा गया और और ट्रायल्स किए गए। ट्रायल पूरे होने के बाद इसे आज भारतीय नौसेना के हवाले कर दिया गया। यह जून 2023 तक पूरी तरह से ऑपरेशनल हो जाएगा।
पीएम मोदी ने एयरक्राफ्ट बनाने वाले इंजीनियर्स को दी बधाई
पीएम मोदी ने इस एयरक्राफ्ट कैरियर को बनाने वाले इंजीनियर्स की तारीफ करते हुए उन्हें बधाई दी और कहा कि इस शिप में जितनी भी केबल और वायर्स हैं, वे कोच्चि से काशी तक की दूरी को कवर कर सकते हैं। इसमें बनने वाली बिजली से 5 हजार घरों को रोशन किया जा सकता है। ये जटिलता हमारे इंजीनियर्स की जीवटता का उदाहरण है।
INS विक्रांत को बताया भारत के परिश्रम, कौशल और कर्मठता का सबूत
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि विक्रांत खास और गौरवमयी है। INS विक्रांत ने भारतीयों को नए भरोसे से भर दिया है। यह केवल एक वारशिप नहीं है बल्कि 21वीं सदी के भारत के कौशल, कठिन परिश्रम और कर्मठता का सबूत भी है। उन्होंने कहा कि इस एयरक्राफ्ट के निर्माण से भारत उन देशों की सूची में शामिल हो गय है जो अपनी तकनीक से ऐसे बड़े जहाजों को निर्माण कर सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि यह सभी भारतीयों के लिए गर्व का अवसर है। यह वास्तव में सशक्त भारत की तस्वीर और अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है।
नौसेना के नए ध्वज का भी किया अनावरण
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नौसेना के नए ध्वज का अनावरण करते हुए कहा कि नौसेना का पुराना ध्वज गुलामी का प्रतीक था जिसे हटाकर शिवाजी को समर्पित नया ध्वज बनाया गया है। नया ध्वज नौसेना के बल और आत्मसम्मान को बल देगा। उन्होंने कहा कि शिवाजी की समुद्री ताकत से दुश्मन कांपते थे, आज मैं नया नौसेना ध्वज छत्रपति वीर शिवाजी महाराज को ही समर्पित करता हूं।
क्या खास है नए नौसेना ध्वज में
नए नौसेना ध्वज में बाईं ओर तिरंगा और दाईं ओर अशोक चक्र का चिह्न है और इसके नीचे “शं नो वरुण:” (अर्थात् वरुण हमारे लिए शुभ हो) लिखा हुआ है।