Rajiv Gandhi Birth Anniversary : आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा देश आज जिस मुकाम पर है उसकी नींव रखने में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) ने बेहद महत्वपूर्ण कार्य किए। राजीव गांधी के इन योगदान से 21 वीं सदी के भारत की नींव रखी गई। इन कार्यों ने देश की दशा और दिशा बदलने का कार्य किया। इसलिए आपको देश के पूर्व प्रधानमंत्री के उठाए गए क्रांतिकारी कदमों के बारे में जरूर जानना चाहिए। आज उनकी 78वें जन्म दिवस पर हम आपको इनके किए गए कुछ महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में बताएंगे।
1- मतदाता और मतदान के लिए उठाया क्रांतिकारी कदम
राजीव गांधी ने देश के लोकतंत्र को और ज्यादा मजबूत करने के लिए देश में मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी और मतदाताओं की भागीदारी बनाने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाया। उन्होंने मतदाताओं की न्यूनतम उम्र को 18 साल करने का कानून बनाया। इसके आलावा उन्होंने मतदान के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी EVM की शुरुआत की।
2- पर्यावरण संबंधी कानून
भोपाल गैस त्रासदी के बाद देश में पर्यावरणीय जागरूकता और सक्रियता में वृद्धि हुई। प्रधानमंत्री के तौर पर राजीव गांधी ने साल 1986 में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम यानी EPA बनाया। इस कानून ने केंद्र को पर्यावरण को नुकसान पंहुचने वाले या पर्यावरण संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन करने वाले किसी भी उद्योग को बने करने, प्रतिबंधित करने, विनियमित करने के लिए सीधे आदेश जारी करने की शक्ति दी। दूसरी ओर इस कानून से अदालतों को भी व्यापक शक्तियां मिली, और कई मुद्दों के समाधान के लिए नियम बनाने की अनुमति मिली।
3- अर्थव्यवस्था का उदारीकरण
राजीव के कार्यकाल के दौरान पेश किए गए बजटों ने अर्थव्यवस्था की बढ़ोतरी में रुकावट बन रहे कई तत्वों को हटाया गया। लाइसेंसिंग योजना का सरलीकरण, कई आयत की जाने वाली मदों पर दरों की कमी, निर्यात को प्रोत्साहन देते हुए टैक्स में छूट के साथ व्यापार तंत्र का उदारीकरण किया गया। इसके अलावा उस वक्त जन कल्याणकारी योजना जैसे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम और ग्रामीण भूमिहीन रोजगार गारंटी कार्यक्रम का जवाहर रोजगार योजना में विलय कर दिया गया।
4- देश में आईटी क्रांति
देश को आईटी से जोड़ने की नींव रखने का श्रेय राजीव गांधी को जाता है। उनकी सरकार ने कंप्यूटर उपकरणों के आयत पर शुल्क में कटौती के साथ बड़े पैमाने पर कंप्यूटरीकरण को सुगम और सरल बनाया जिससे घरेलू विनिर्माण कंपनियां उत्पादन बढ़ा सकें। विदेशी कंप्यूटर निर्माता कंपनियों को भारतीय बाजार में अनुमति देने के लिए नियम-कानून को उदार बनाया, जिससे प्रतिस्पर्धी और गुणवत्ता के मूल्य सुनिश्चित हो सकें। इन कदमों से ही भारत जल्द ही एक सॉफ्टवेयर निर्यातक देश के रूप में वैश्विक पटल पर उभरा था।
5- शिक्षा नीति
प्रधानमंत्री बनने के बाद राजीव गांधी ने नई शिक्षा नीति प्रस्तुत की। इस नीति ने स्कॉलरशिप का विस्तार करने, एडल्ट एजुकेशन, अनुसूचित जाति के अधिक शिक्षकों की भर्ती करना, गरीब परिवारों को इनके बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान, नए संसाधनों के साथ नए संस्थानों का विकास-आवास और सेवाओं की सुविधा को शामिल किया गया। इसके अलावा भारत के हर जिले में नवोदय विद्यालय की अवधारणा भी इस नई शिक्षा नीति के अंतर्गत ही आई थी। इस नीति के तहत ही राजीव गांधी ने देश में प्राथमिक विद्यालयों के शैक्षिक स्तर में आधारिक ढांचे के सुधार के लिए ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड को भी शामिल किया गया। जिससे देश के सरकारी स्कूलों को ब्लैक बोर्ड की सुविधा से लैस किया गया।