ED Raids in Rajasthan : प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग ने 3 जनवरी की सुबह राजस्थान में ताबड़तोड़ छापे मारे हैं। ईडी ने बुधवार को अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड और राजस्थान में छापेमारी की। दोनों एजेंसियों की टीमों ने एक पूर्व मुख्यमंत्री, दो आईएएस, कारोबारी समूह के ठिकानों पर छापे मारे हैं।
जानकारी के मुताबिक, झारखंड में हुए खनन घोटाले को लेकर ईडी की टीम राजस्थान में जांच कर ही है। ईडी की टीम ने झारखंड में डीसी रामनिवास यादव के राजस्थान में कई ठिकाने हैं। यादव के जयपुर में निवास और कई दूसरे ठिकानों पर सुबह ईडी की टीमें छापेमारी कर रही हैं। राजस्थान ईडी की टीम को इस छापेमारी से अलग रखा गया है।
राजस्थान के रहने वाले हैं रामनिवास यादव…
रामनिवास यादव राजस्थान के रहने वाले है और वो झारखंड के साहिबगंज में डीसी के पद पर तैनात हैं। उनके जयपुर और दूसरे ठिकानों पर सुबह से ही ईडी की दिल्ली से आई टीमें छापेमारी करके दस्तावेज जब्त कर रही है। ईडी की टीमों ने स्थानीय स्तर पर किसी से संपर्क नहीं किया।
झारखंड सीएम के करीबियों पर छापेमारी…
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अवैध खनन से जुड़ें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रांची में भी मुख्यमंत्री के कुछ करीबियों के घर दबिश दी है। आईएएस और साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव, साहिबगंज के खोदनिया ब्रदर्स, झारंखंड सीएम के प्रेस सलाहकार, पूर्व विधायक पप्पू यादव और डीएसपी राजेंद्र दुबे के ठिकानों पर छापेमारी जारी है।
राजस्थान, दिल्ली सहित कई राज्यों के दोनों एजेंसियों की टीमों के अधिकारी यहां जांच कर रहे हैं। दूसरी ओर, आयकर विभाग की टीमों ने उदयपुर से जुड़े कारोबारी समूह के ठिकानों पर छापे मारे हैं। टीमों ने होटल फतेह और होटल रेडिसन ब्लू के ठिकानों पर छापा मारा है। ये कारोबारी मुंबई के बताए जा रहे हैं। ये भी बताया जा रहा है कि टीमों ने राजस्थान के साथ-साथ कोलकाता में भी दो ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की है।
आयकर इन्वेस्टिगेशन विंग के अधिकारियों ने राजस्थान व अन्य राज्यों में कुल 31 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे हैं। जबकि, उदयपुर शहर में कारोबारी से जुड़े 27 ठिकानों पर छापेमारी की है। इसमें बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा हो सकता है।
क्या है मामला…
दरअसल, यह मामला झारखंड के साहेबगंज जिले और आसपास के इलाकों में 1,000 करोड़ रुपए के अवैध खनन से जुड़ा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर अपने करीबियों को खनन का पट्टा जारी करने का आरोप है। ईडी ने जांच में पाया कि सोरेन का मिश्रा के जरिए लगभग खदानों में तय हिस्सा था। जुलाई, 2022 में मिश्रा के ठिकानों पर छापेमारी के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। मामले में मिश्रा से जुड़े अन्य 4 लोगों की भी गिरफ्तारी हुई है।
हाल में कथित जमीन घोटाले से जुड़े एक अन्य मामले में भी जांच एजेंसी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 7वीं बार समन जारी करते हुए अपना बयान दर्ज कराने को कहा है। ईडी ने हेमंत सोरेन को चेतावनी दी कि यह उनके लिए बयान दर्ज कराने का आखिरी मौका है। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में मंगलवार को सोरेन ने समन को अवैध बताते हुए कहा कि वह पहले ही अपनी संपत्तियों का ब्यौरा दे चुके हैं।