MIG-21 Aircraft Crash : बीते गुरुवार को मिग-21 विमान राजस्थान के बाड़मेर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में दो पायलट शहीद हो गए थे। इन सबके बीच वायुसेना की तरफ से एक बड़ी खबर सामने आई है कि अब 30 सितंबर तक मिग-21 बाइसन विमान के एक और स्क्वाड्रन को रिटायर कर दिया जाएगा औऱ 2025 तक बाकी बचे 3 विमान भी सैन्य बेड़े से हटा दिए जाएंगे।
बता दें कि कई सालों से लगातार मिग-21 के साथ पेश हो रहे हादसों के बाद ये बड़ा सवाल खड़ा हो रहा था कि इतनी दुर्घटनाएं होने के बावजूद वायुसेना इन विमानों का प्रयोग क्यों कर रहा है? लेकिन अब इन विमानों को जल्द ही रिटायर कर दिया जाएगा।
तेजस के शामिल होने में देरी के चलते मजबूरी में करना पड़ा था इस्तेमाल
वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर एयरबेस से बाहर स्थित 51 स्क्वाड्रन को 30 सितंबर को नंबर प्लेट किया जा रहा है। यानी उसे हटाया जा रहा है। इसके बाद विमानों के केवल 3 स्क्वाड्रन रह जाएंगे, जिन्हें साल 2025 तक हटा दिय़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि अब हर साल इन विमानों में से हर एक पर एक स्क्वाड्रन की नंबर प्लेट लगा दी जाएगी। इसके अलावा उन्होंने बताया कि नंबर प्लेटेड स्क्वाड्रन को भविष्य में अधिक सक्षम विमान के साथ जल्द ही सक्रिय कर दिया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि मिग-21 को पहुत पहले ही हटा दिया जाना था, लेकिन LCA तेजस विमान को शामिल करने में देरी की वजह से भारतीय वायुसेना को इन विमानों का ही इस्तेमाल ही करना पड़ा था। वहीं मिग विमानों को उड़ाने वाले पायलटों की अक्सर ये शिकायत रहती है कि ये विमान बहुत तेजी से लैंड करते हैं। कॉकपिट की खिड़कियों का डिजाइन ऐसा रहता है कि पायलट रनवे को ठीक से देख नहीं पाते। दूसरी तरफ सिर्फ एक इंडन वाला विमान होने के चलते यह विमान हमेशा खतरे में रहता है।