कोटा। राजस्थान के कोटा में दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां खेल-खेल में एक बच्ची की मौत हो गई। 14 साल की बच्ची ने खेल-खेल में खुदके गले में फंदा लगा लिया, जिससे दम घुटने से उसकी मौत हो गई। बच्ची बचाने के लिए चिल्ला भी नहीं सकी। बच्ची ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया।
ये घटना घर के बाहर लगे एक सीसीटीवी में कैद हो गई, जिसके बाद ये सच्चाई सामने आई। सीसीटीवी में दिख रहा है कि गले में फंदा लगने के बाद बच्ची करीब एक मिनट तक छटपटाती हुई नजर आ रही है। घटना के बाद से परिजन सदमे में हैं। परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम करवाने से भी इनकार कर दिया। यह घटना कोटा शहर के रेलवे कॉलोनी थाना इलाके की है। जानकारी के अनुसार, यह घटना कोटा शहर के रेलवे कॉलोनी में शुक्रवार रात करीब 10:40 बजे की है।
छठी कक्षा में पढ़ती थी बच्ची…
दीपिका शर्मा (14) कोटा के लेबर चौराहे के पास पूनम कॉलोनी में रहती थी। दीपिका के पिता राजेंद्र शर्मा रेलवे वेंडर हैं। दीपिका 3 भाई-बहनों में सबसे छोटी थी। उसके बड़े भाई शादीशुदा हैं। उसकी बड़ी बहन जयपुर में पढ़ाई करती है और दीपिका क्लास 6 में पढ़ती थी।
मकान की पहली मंजिल पर लगी है रेलिंग…
जिस घर में यह हादसा हुआ उसके मकान की पहली मंजिल पर रेलिंग लगी हुई है। दूध समेत रोजमर्रा का सामान ऊपर खीचने के लिए रस्सी बांध रखी थी। ताकि, बार-बार नीचे आना-जाना ना पड़े।
शनिवार रात करीब 10:30 बजे दीपिका खेलने के लिए अपने डॉग के साथ घर के बाहर आई थी। इस दौरान परिवार के सभी सदस्य घर में अंदर थे। करीब 10 मिनट बाद दीपिका ने खेल-खेल में रेलिंग से बंधी रस्सी को अपने गले में डाल लिया। गले में फंदा पड़ते ही वह कस गया और दीपिका बचाने के लिए चिल्ला भी नहीं सकी। कुछ देर बाद वह रस्सी से झूलने लग गई। जिससे फंदा और टाइट होता चला गया। कुछ देर तड़पने के बाद उसकी मौत हो गई।
करीब 10-15 मिनट बाद फंदे पर लटक रही पड़ोसी की नजर दीपिका पर पड़ी। उन्होंने दीपिका को फंदे से झूलते हुए देखा तो परिजनों को जानकारी दी। आनन-फानन में परिजन उसे फंदे से निकालकर अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने दीपिका को मृत घोषित कर दिया। इधर, घटना की सूचना पर कोटा रेलवे कॉलोनी थाना पुलिस मौके पर पहुंची।
इस दौरान परिजनों ने पुलिस के लिखकर दिया कि वह शव का पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते। इसके बाद बिना पोस्टमॉर्टम कराए शव परिजनों को सौंप दिया गया। 14 साल की बेटी को इस तरह खोने के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजन भरोसा ही नहीं कर पा रहे हैं कि उनकी बेटी अब इस दुनिया में नहीं हैं।