Israel-Palestine Conflict: इजराइल और फिलिस्तीन के बीच एक बार फिर जंग छिड़ गई है। फिलिस्तीन के गाजा स्थित चरमपंथी संगठन हमास ने एक नहीं, दो नहीं बल्कि 5 हजार से ज्यादा रॉकेट दागे हैं। वहीं, इजराइल ने भी फिलिस्तीन के खिलाफ युद्ध (Israel-Gaza Conflict) का ऐलान कर दिया है।
बताया जा रहा है कि हमास ने दक्षिणी और मध्य इजराइल को निशाना बनाकर हमला किया। हमास ने न सिर्फ हवाई हमले किए हैं बल्कि जमीनी घुसपैठ को भी अंजाम दिया है। इसके साथ ही हमास ने कई इजरायली सैनिकों को बंधक बना लिया है। अचानक हुए इस हमले में कई इजरायली नागरिकों और सैनिकों की भी मौत हो गई। ऐसे में आइए जानते हैं कि हमास और इजराइल के बीच क्या विवाद है?
यह विवाद 75 साल से चल रहा है
दरअसल, इजराइल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष की कहानी 75 साल पुरानी है। प्रथम विश्व युद्ध से पहले इजराइल तुर्की का हिस्सा था। जिसे ओटोमन साम्राज्य के नाम से जाना जाता था। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान तुर्की ने अपने मित्र राष्ट्रों के विरुद्ध खड़े देशों का पक्ष लिया, जिसके कारण तुर्की और ब्रिटेन के बीच तनाव पैदा हो गया। दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ गया और ब्रिटेन ने इस युद्ध में जीत हासिल कर ओटोमन साम्राज्य को ख़त्म कर दिया।
इसके बाद यहूदी ज़ायोनीवाद की भावना से भर गए, जो एक स्वतंत्र यहूदी राज्य बनाना चाहते थे। इससे दुनिया भर से यहूदी फ़िलिस्तीन आने लगे और ब्रिटेन ने यहूदियों का पूरा समर्थन किया। इसके साथ ही वह फ़िलिस्तीन को यहूदियों की मातृभूमि बनाने में सहायता करने लगा, लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटेन बहुत कमजोर हो गया।
जिसके कारण फ़िलिस्तीन आने वाले यहूदियों को दी जाने वाली सहायता कम कर दी गई। इसके बाद अन्य देशों ने ब्रिटेन पर यहूदियों के पुनर्वास के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। ब्रिटेन ने इस मामले से खुद को अलग कर लिया और मामला 1945 में गठित संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के पास चला गया।
इजराइल अमेरिका की वजह से जीतता रहा है
29 नवंबर 1974 को संयुक्त राष्ट्र ने फ़िलिस्तीन को दो भागों में बाँट दिया; पहला भाग अरब राज्य बन गया और दूसरा इज़राइल बन गया। साथ ही येरुशलम को अंतरराष्ट्रीय सरकार के अधीन रखा गया। अरब देशों ने यूएन के इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया। करीब एक साल बाद इजराइल ने खुद को एक स्वतंत्र देश घोषित कर दिया। अमेरिका ने भी इसे मान्यता दी। इसके बाद अरब देश और इजराइल आमने-सामने आ गए और दोनों के बीच कई बार युद्ध हुए। कहा जाता है कि अमेरिका की वजह से ही इजराइल ने हर युद्ध में अरब देशों को हराया है।
हमास और इजराइल के बीच क्यों शुरू हुआ विवाद?
- विवाद का पहला कारण वेस्ट बैंक है। दरअसल, वेस्ट बैंक इजराइल और जॉर्डन के बीच है, 1967 के युद्ध में इजराइल ने इस पर कब्जा कर लिया था, लेकिन इजराइल और फिलिस्तीन दोनों ही इस इलाके पर अपना हक जताते हैं।
- इसके साथ ही गाजा पट्टी भी दोनों देशों के बीच विवाद का कारण है। ये वो जगह है जो इजराइल और मिस्र के बीच है, जिस पर हमास का कब्जा है। दरअसल, सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना हटा ली थी। दो साल बाद यानी 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए।
- वहीं, सीरिया का पठार गोलान हाइट्स भी दोनों देशों के बीच युद्ध का कारण रहा है। कहा जाता है कि गोलान पर 1967 से ही इजरायल का कब्जा है। इस कब्जे को लेकर दोनों देशों के बीच कई बार बातचीत हुई लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
- इसके अलावा पूर्वी येरुशलम में नागरिकता को लेकर दोहरी नीति भी हमास और इजराइल के बीच विवाद का कारण रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि 1967 में पूर्वी येरुशलम पर कब्जे के बाद इजराइल यहां जन्मे यहूदी लोगों को तो इजराइली नागरिक मानता है, लेकिन इसी इलाके में जन्मे फिलिस्तीनी लोगों को कुछ शर्तों के साथ यहां रहने की इजाजत है। जिसमें यह शर्त भी शामिल है कि तय समय से ज्यादा समय तक बाहर रहने पर फिलिस्तीनी नागरिकता रद्द कर दी जाएगी। इजराइल की इस नीति की कई बार आलोचना हो चुकी है।