यूक्रेन में रूस की ओर से किए गए अपराधों की जांच को लेकर गठित आयोग ने रूसी सेना पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यूक्रेन में रूसी सैनिकों ने आम नागरिकों पर भीषण अत्याचार किए। संयुक्त राष्ट्र ने इस साल मार्च में अधिकारों के हनन की जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग बनाया था।
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि रूसी सैनिकों ने आबादी वाले इलाकों पर बमबारी की। साथ ही, फांसी, यातना और भीषण यौन हिंसा की घटनाओं को अंजाम दिया। संयुक्त राष्ट्र की तीन स्वतंत्र विशेषज्ञों की टीम ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को रिपोर्ट सौंपी है। आयोग ने उन जगहों का दौरा किया, जहां लोगों को गिरफ्तार कर रखा गया था।
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कब्र और अन्य स्थानों पर जाकर आयोग की टीम ने पूछताछ की। टीम ने 27 कस्बों और बस्तियों के साथ-साथ कब्रों और हिरासत व यातना केंद्रों का दौरा किया। करीब 150 से अधिक पीड़ितों और गवाहों का साक्षात्कार लिया।
रूस ने इनकार किया
रूस को यूएन काउंसिल की बैठक में आरोपों का जवाब देने के लिए बुलाया गया था, लेकिन रूस की ओर से कोई नहीं पहुंचा। रूस ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने यूएन काउंसिल की बैठक में कहा, ‘यूक्रेन में 445 कब्रों में महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और सैनिकों के शव पाए गए हैं।
जांच समिति ने क्या पाया…
रूसी सैनिकों ने 4 साल से 82 साल की महिलाओं के साथ यौन हिंसा की। रिश्तेदारों के सामने सैनिकों ने यह अत्याचार किया। यूएन की रिपोर्ट में बताया गया है कि आयोग ने बच्चों का बलात्कार और यातनाओं के मामलों की जानकारी इकट्ठा की है।
गवाहों ने कैद में पिटाई, बिजली के झटके और जबरन नग्न करने जैसी यातनाओं के बारे में बताया। यूएन की रिपोर्ट में जिक्र है कि नागरिकों व लड़ाकों में बिना पहचान किए हमले किए।