अफगानिस्तान। तालिबान शासित अफगानिस्तान में महिला-विरोधी अत्याचार बढ़ते ही जा रहे है। तालिबान में बर्बरता का एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है। 4 जून को उत्तरी अफगानिस्तान के सर-ए-पुल प्रांत में प्राथमिक स्कूलों में करीब 80 लड़कियों को दो अलग-अलग हमलों में जहर दे दिया गया। जहर के असर से हालत बिगड़ने पर सभी लड़कियों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। इलाके के शिक्षा अधिकारी ने रविवार को इसकी जानकारी दी है। अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद ये पहला ऐसा मामला है।
बता दें कि सत्ता में आने के बाद तालिबान पहले ही देश में लड़कियों के छठी कक्षा से आगे पढ़ाई करने पर प्रतिबंध लगा चुका है। जिन स्कूलों में लड़कियों को जहर दिया गया है वो अफगानिस्तान के सर-ए-पुल प्रांत में हैं। दोनों स्कूल आस-पास बताए जा रहे हैं। एक के बाद एक इन स्कूलों को निशाना बनाया गया।
लड़कियों को साजिश के तहत दिया जहर…
सर-ए-पुल के एजुकेशन डिपार्टमेंट के अधिकारी ने बताया कि नसवान-ए-कबोद आब स्कूल में 60 छात्रों को और नसवान-ए-फैजाबाद स्कूल में 17 अन्य को जहर दिया गया था। दोनों प्राथमिक स्कूल एक-दूसरे के करीब हैं और एक के बाद एक उन्हें निशाना बनाया गया। “हमने छात्रों को अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया और अब वे सभी ठीक हैं।” हम मामले की जांच कर रहे हैं। अभी ये नहीं पता चल पाया है कि लड़कियों को जहर कैसे दिया गया। शुरुआती जांच से ये किसी की साजिश लग रही है। किसी ने थर्ड पार्टी के जरिए इन लड़कियों को जहर दिलाया है। जिन लड़कियों को जहर दिया गया वो एक से छठी क्लास की बताई जा रही हैं।
गौरतलब है कि साल 2015 में भी अफागानिस्तान में ऐसी घटना हुई थी। तब हेरात प्रांत में स्कूल की 600 बच्चियों को जहर दिया गया था। तब भी किसी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली थी। हालांकि उस समय कई मानवाधिकार संगठनों ने तालिबान को घटना का जिम्मेदार ठहराया था।
आखिर क्या चाहता है तालिबान?
दरअसल, तालिबान चाहता है दुनिया उसे मान्यता दे। 4 दिन पहले जब यह घटना हुई तब अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत ने दुनिया के तमाम देशों से उसे मान्यता देने की बात कही है। इसी सिलसिले में बातचीत के लिए कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन थानी 12 मई को अफगानिस्तान के कंधार गए थे। थानी ने अफगान तालिबान के सुप्रीम लीडर हेबुतुल्लाह अखुंदजादा से कंधार में सीक्रेट मीटिंग की थी। इसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। एक रिपोर्ट के मुताबिक, थानी ने अखुंदजादा से साफ कहा कि अगर वो चाहते हैं कि दुनिया तालिबान हुकूमत और अफगान सरकार को मान्यता दे तो उन्हें महिलाओं को उनके अधिकार देने होंगे। इसी मसले पर बातचीत अटक गई।
मार्च 2023 में ईरान में भी ऐसी घटना हुई थी। ईरान में छात्राओं को पढ़ने से रोकने के लिए जहर दिया गया था। इस बात का खुलासा डिप्टी हेल्थ मिनिस्टर यूनुस पनाही ने किया था। उन्होंने कहा था- घोम शहर में नवंबर 2022 के बाद से रेस्पिरेटरी पॉइजनिंग के सैकड़ों मामले सामने आए हैं। उनका कहना था कि स्कूलों में पानी को दूषित किया जा रहा है, जिससे छात्राओं को सांस लेने में दिक्कत आ रही है। इनमें उल्टी, जबरदस्त बॉडी पेन और दिमागी दिक्कत शामिल है। उनकी हालत इतनी बिगड़ रही है कि इलाज के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया।