मॉस्को। रूस ने अब एक ऐसा बयान दिया है, जो दुनिया को तीसरे विश्वयुद्ध की ओर ले जाने के लिए काफी है। रूस ने वैगरन ग्रुप के जरिए पोलैंड और लिथुआनिया पर हमला करने की चेतावनी दी है। ये दोनों देश दुनिया के सबसे बड़े सैन्य संगठन नाटो के सबसे कमजोर लिंक माने जाते हैं। ऐसा इसलिए कि ये रूस के करीब हैं। पुतिन के एक करीबी सांसद ने रूस के सरकारी टेलीविजन पर कहा कि बेलारूस में तैनात भाड़े के सैनिकों का समूह वैगनर कुछ ही घंटों में नाटो के मजबूत रास्ते सुवालकी कॉरिडोर पर हमला कर सकता है। सुवालकी कॉरिडोर या गैप पोलैंड और लिथुआनिया की सीमा पर मौजूद 96 किमी की पट्टी है। रूसी सांसद ने इसी पर हमले की धमकी दी है। नाटो और यूरोपीय संघ के साथ-साथ रूस के लिए भी इसका बड़ा रणनीतिक महत्व है। पश्चिम के लिए यह एकमात्र जमीनी रास्ता है जिसके जरिए लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया तक जाया जा सकता है।
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एक स्ट्राइक फोर्स तैयार
कार्तपोलोव ने आगे दावा किया कि बेलारूस में वैगनर आर्मी की एक स्ट्राइक फोर्सतैयार है, जो घंटे भर के अंदर इस कॉरिडोर को कब्जाने के लिए तैयार है। जमीन कब्जाने की योजना को ‘शॉक फिस्ट’ नाम दिया है। इस कॉरिडोर पर कब्जा तीसरे विश्वयुद्ध का कारण बन सकता है, जिसकी वजह से इसे दनिु या की सबसे खतरनाक जगह माना जाता है। अगर रूस ऐसा कोई भी हमला करता है, तो इसके जरिए नाटो का आर्टिकल पांच ट्रिगर करेगा, जिसके तहत नाटो सदस्य मिलकर रूस पर हमला करेंगे।
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कॉरिडोर पर कं ट्रोल क्यों है जरूरी!
इस कॉरिडोर पर अगर रूस नियंत्रण कर लतेा है तो उसे कलिनिनग्राद के बाल्टिक एक्सक्व ले तक बेलारूस से सीधा जमीनी मार्गमिल जाएगा। इसके जरिए रूस की मुख्य जमीन बेलारूस के रास्ते होते हुए बाल्टिक सागर तक जुड़ सके गी। रिजर्विस्ट कर्नल जनरल एं ड्री कार्तपोलोव जो अब एक सांसद हैं ने सरकारी टेलीविजन पर कहा, ‘यह बात साफ है कि वैगनर आर्मी बेलारूसी सैनिकों को प्रशिक्षित करने के लिए बेलारूस गए हैं। इसी के करीब सुवालकी कॉरिडोर नाम की एक जगह है। अगर कु छ होता है तो यह हमारे लिए बेहद जरूरी है।’