राजधानी काबुल में एक स्कूल में आत्मघाती बम विस्फोट में कम से कम 100 बच्चों की मौत हो गई। स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि रिपोर्टिंग के दौरान मानवीय संवेदनाओं को हिला कर रख दिया। स्कूल के आस-पास शवों को पहचानना भी मुश्किल हो रहा था। कहीं हाथ पड़ें थे कहीं पैर। विस्फोट शहर के पश्चिम में दश्तए-बारची इलाके में काज स्कूल में हुआ। एक स्थानीय पत्रकार, बिलाल सरवरी ने इस हमले पर ट्वीट किया, “हमने अब तक अपने छात्रों के 100 शवों की गिनती की है। मारे गए छात्रों की संख्या बहुत अधिक है।”
घायलों से भरे अस्पताल, रक्तदान की अपील
शैक्षिक संस्थान के एक सदस्य के हवाले से अफगान पत्रकार ने कहा कि लड़के और लड़कियां एक बड़े क्लासरूम में पढ़ रहे थे। उन्हें तालिबान की ओर से अनिवार्य एक पर्दे से अलग-अलग किया गया था।
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उन्होंने कहा कि एं बुलेंस ने घायलों को इलाके के कम से कम चार अस्पतालों में पहुंचाया है। सरवरी ने अली जिन्ना हॉस्पिटल के एक डॉक्टर के हवाले से बताया कि फिलहाल और घायलों को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा सकता। लोगों से रक्तदान की अपील की जा रही है।
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निशाने पर शिया व हजारा समुदाय
सरवरी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘दश्ते बरची के एक सामुदायिक नेता ने मुझसे कहा कि तालिबान पिछले एक साल में हमारे लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने में विफल रहा है। हमले के बाद एं बुलेंस काफी देर बाद पहुंची। स्थानीय लोगों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की।’ द खुरासन डायरी ने दावा किया कि यह धमाका तब हुआ जब छात्रों की परीक्षा चल रही थी। सरवरी ने दावा किया कि सभी मृतक शिया और हजारा समुदाय के सदस्य थे।