पेशावर। पंजाब प्रांत में खेती करने का निर्णय लेने के महीनों बाद, पाकिस्तानी सेना अब खाद्य आत्मनिर्भरता की योजना के तहत अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हजारों एकड़ जमीन पर खेती शुरू करने की तैयारी में है। शुक्रवार को मीडिया में आई खबरों में यह जानकारी दी गई। पाकिस्तानी सेना ने अब तक सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में अपनी ताकत दिखाई है। पाकिस्तान पर उसके अस्तित्व में आने के 75 से अधिक वर्षों में आधे से अधिक समय तक सेना ने ही शासन किया है।
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हालांकि, यह संभवतः पहली बार है कि सेना अशांत प्रांत के लिए शांति स्थापना और कृषि उत्पादकता बढ़ाने की गतिविधियों को एक साथ मिलाकर कदम उठा रही है। ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ की खबर के अनुसार, क्षेत्र की कृषि उत्पादकता और खाद्य आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए सेना शुरुआत में 1,000 एकड़ भूमि पर खेती करेगी और फिर दक्षिण वजीरिस्तान के जरमलम क्षेत्र में 41,000 एकड़ तक इसका विस्तार करेगी। यह क्षेत्र वर्षों से बंजर था।
कोर कमांडर,पेशावर, लेफ्टिनेंट जनरल सरदार हसन अजहर हयात का हवाला देते हुए इसमें कहा गया कि इस परियोजना से क्षेत्र की कृषि उत्पादकता बढ़ाने और खाद्य आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पाक सेना खैबर पख्तूनख्वा में खेती को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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