वॉशिंगटन। सबसे बड़ा ब्लैकहोल मिल गया है। इसे देख वैज्ञानिकों का सिर भी चकरा गया है। यह ब्लैकहोल 13 अरब वर्ष पुराना है, जो लगभग ब्रह्मांड की शुरुआत का समय है। जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप के अवलोकन से पता चलता है कि बिग बैंग के 44 करोड़ साल बाद ही यह एक गैलेक्सी के केंद्र में था। सूर्य के द्रव्यमान का यह लगभग दस लाख गुना है। शुरुआती ब्लैकहोल के हिसाब से यह आश्चर्यजनक रूप से बड़ा है, जिससे वैज्ञानिक यह सोचने को मजबूर हैं कि यह इतना बड़ा कैसे हो गया। कैंब्रिज विश्वविद्यालय के खगोल भौतिकीविद् प्रोफेसर रॉबर्टो मैओलिनो ने इससे जुड़े शोध का नेतृत्व किया।
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क्यों खास है यह खोज
खगोलविदों का मानना है कि शुरुआती ब्लैक होल की स्टडी से हमें यह समझने में मदद मिल सकती है कि आकाशगंगाओं के केंद्र में कै से इन्होंने विशालकाय रूप लिया। जैसे हमारी आकाशगंगा के कें द्र के ब्लैकहोल का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से अरबों गुना ज्यादा है। अभी तक माना जा रहा था कि गैलेक्सी के केंद्र में ब्लैक होल अपने आसपास के सितारों और अन्य चीजों को निगलने के कारण लगातार बढ़ रहे हैं। लेकिन इस ब्लैकहोल की खोज हमारी समझ को बदल रहा है।
ब्लैकहोल को लेकर रहस्य
जीएन-जेड़11 नामक आकाशगंगा के नवीनतम अवलोकन से इस रहस्य का खुलासा हुआ। वैज्ञानिक मान रहे हैं किया तो यह बड़े ही पैदा हुए थे, या फिर बहुत तेजी से फूल गए। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के ब्रह्मांडविज्ञानी प्रोफेसर एंड्र यू पोंटजेन ने कहा, ‘यह समझना की ब्लैकहोल कहां से आए, हमेशा से एक पहेली रही है, लेकिन अब यह पहेली गहरी होती जा रही है। जेम्स वेब टेलिस्कोप ने हमें समय में पीछे झांकने में मदद की है। इससे हमें पता चला कि कुछ ब्लैक होल शुरुआती ब्रह्मांड में तेजी से बढ़े।’
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