अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अगले महीने अंतरिक्ष में टेंपो उड़ाने जा रही है। ये सवारी ढोने वाला टेंपो नहीं, बल्कि यह एक सैटेलाइट की है। टेंपो का पूरा नाम है ट्रोपोस्फेरिक एमिशन मॉनिटरिंग ऑफ पॉल्यूशन इंस्ट्रूमेंट। ये अगले महीने लॉन्च किया जा सकता है। इसमें खास तरह के यंत्र लगे हैं, जो दिन में यानी रोशनी में हर घंटे उत्तरी अमेरिका के ऊपर से गुजरेगा। यह हर बार 10 वर्ग किमी के इलाके में वायु प्रदूषण के स्तर का डेटा रिकॉर्ड करेगा। इसकी रेंज अटलांटिक महासागर से प्रशांत महासागर और मध्य कनाडा से मेक्सिको सिटी तक होगी। यह एक बड़ी वॉशिंग मशीन के आकार का यंत्र है।
ये हैं इसके तीन जरूरी काम
टेंपो का मुख्य काम तीन प्रमुख प्रदूषणकारी तत्वों नाइट्रोजन डाईऑक्साइड, फॉर्मलडिहाइड और ओजोन का डेटा बनाना है। नाइट्रोजन डाईऑक्साइड एक नोक्सियस गैस है, जो ईंधन जलने से निकलता है. इसकी वजह से सांस संबंधी दिक्कत होती है। इससे दमा हो जाता है। फॉर्मलडिहाइड पेंट, ग्लू और गैसोलिन से निकलने वाले बाईप्रोडक्ट है। इससे आंखों में दिक्कत और कैंसर जैसी समस्या होती है। ओजोन की मात्रा बढ़ी तो सूरज की अल्ट्रावॉयलेट किरणें हमारी त्वचा के लिए नुकसानदेह हो सकती हैं।
तीन सैटेलाइट रखेंगे दुनिया पर नजर
टेंपो धरती के घुमाव के साथ-साथ एक फिक्स पोजिशन पर अमेरिका, खासतौर से उत्तरी अमेरिका पर नजर रखेगा। अमेरिका के पूर्वी तट से पश्चिमी तट तक स्कैन करेगा। इससे अमेरिका के हर शहर का हर घंटे डेटा मिलेगा। टेंपो दक्षिण कोरिया के जियो-कॉम्पसैट-2बी सैटेलाइट और यूरोपियन स्पेस एजेंसी के सैटेलाइट सेंटिनल-4 के साथ जुड़ जाएगा। इससे एशिया और यूरोप के हवा की स्थिति का भी पता चलेगा।
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