वॉशिंगटन। एक नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिदम की मदद से आठ रहस्यमय रेडियो सिग्नल खोजे गए हैं। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि ये एलियंस की खोज को कारगर बनाएंगे। टोरंटो के पीटर मा के नेतृत्व में विशेषज्ञों ने अंतरिक्ष के एक क्षेत्र में 820 सितारों को देखने के लिए एल्गोरिदम का इस्तेमाल किया।
पहले इसे एलियंस गतिविधि से रहित माना जाता था, लेकिन रहस्यमय सिग्नल मिलने से यह खोज सामने सुर्खियों में है। डेटा की शुरुआती जांच में शोधकर्ताओं ने इन सिग्नल पर ध्यान नहीं दिया। पीटर के अनुसार, इसका एक कारण यह भी था कि उनकी ऑब्जर्वेशन में अक्सर इस तरह के ‘हस्तक्षेप’ होते हैं।
क्या होता है डीप लर्निंग AI
डीप लर्निंग एक तरह की मशीन लर्निंग और आर्फिशिटियल इंटेलिजेंस होता है, जो इंसान के चीजों को समझने के तरीके की नकल करता है। इस तकनीक का इस्तेमाल ड्राइवरलेस कारों में किया जाता है। धरती पर कई लोग एलियंस देखने का दावा कर चुके हैं, लेकिन इस संबंध में कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है। पिछले साल लंदन, लास वेगास और ब्राजील में लोगों यूएफओ देखने का दावा किया गया। कहा तो यहां तक जा रहा है कि ‘2023 में ही एलियंस धरती पर उतरेंगे’।
खगोलविदों ने बनाया मशीन लर्निंग एल्गोरिदम
शोधकर्ताओं ने बताया कि हमें अंतरिक्ष में रहस्यमय और रोमांचक रेडियो सिग्नल को पृथ्वी से आने वाले सामान्य रेडियो सिग्नल से अलग करने की जरूरत है। एसईटीआई इंस्टीट्यूट के खगोलविदों के साथ पीटर ने एक नया मशीन लर्निंग एल्गोरिदम विकसित किया है, जो हमारे ग्रह पर हर तरह की बैकग्राउंड नॉइज से संभावित एलियंस सिग्नल को बेहतर ढंग से अलग कर सकता है। इसमें ‘डीप लर्निंग’ का इस्तेमाल किया गया है।
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