Iraq Crisis : इराक में शिया समुदाय के धर्मगुरू मुक्तदा अलसदर ने इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद पूरे देश में हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में अब तक लगभग 20 लोगों की मौत हो गई है। वहां 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। माहौल देखते हुए इराक में कर्फ्यू लगा दिया गया है। ये हिंसा अलसदर के समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच हुई। यहां तक राजदानी बगदाद में रात भर ऱ़़ॉकेट दागे जाते रहे।
श्रीलंका जैसे हुए हालात
इराक के हालात इस वक्त काफी हद तक श्रीलंका जैसे नजर आ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक जैसे ही अल सदर ने अपने इस्तीफे की घोषणा की, उनके समर्थक नाराज हो गए। उनकी ये नाराजगी हिंसा में बदलते देर नहीं लगी। इस हिंसा को ईरान के समर्थकों ने भी भड़काने का काम किया। इराक में हालात बदतर होते जा रहे हैं। इसका पता इसी से चलता है कि इराक की राजधानी बगदाद में स्थित राष्ट्रपति आवास और तमाम सरकारी इमारतों पर रॉकेट दागे जा रहे हैं। यही नहीं हिंसक प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन तक में घुस गए हैं।
पिछले 10 महीनों से बिना सरकार के चल रहा है इराक
वहां पिछले 10 महीनों से न तो प्रधानमंत्री है और न ही कोई मंत्रिमंडल बना है। हम कह सकते हैं कि वहां पर पिछले 10 महीनों से कोई सरकार नहीं है। इस वजह यहां पिछले 1 महीने से गतिरोध भी चल रहा है। लेकिन सरकरा के गठन को लेकर अभी तक कोई बात नहीं बनी। यहां अभी कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में मुस्तफा अल कदीमी देश को चला रहे हैं।
आपको यहां यह भी बता दें कि शिया धर्मगुरू अलसदर की पार्टी देश की सबसे बड़ी पार्टी है। पिछले साल यानी 2021 के अकटूबर महीने में यहां चुनाव हुए थे। जिसमें अलसदर की पर्टी ने 329 सीटों में से 73 सीटें जीती थीं. लेकिन सरकार बनाने के लिए उनके पास बहुमत नहीं था। इधर अल सदर ने दूसरी पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाने से साफ इनकार कर दिया था। इसलिए यहां अभी तक सरकार का गठन नहीं हो पाया है।
मीटिंग हॉल स्वीमिंग पूल में आनंद लेते प्रदर्शनकारी
इराक में एक तरफ हिंसा से 20 लोगों की मौत हो गई है। तो दूसरी तरप प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन में घुस कर वहां की लग्जरीज का आनंद उठा रहे हैं। तस्वीरें देखकर आपको एक बार श्रीलंकता की याद जरूर आ जाएगी।
UN ने शांति की अपील की
इराक में भड़की हिंसा पर अब संयुक्त राष्ट्र ने भी शांति की अपील की है। UN महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने इराक के हालात पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने इराक में संबंधित अधिकारियों को शांति के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने की अपील की है।
जुलाई महीने में संसद में घुस गए थे प्रदर्शनकारी
इराक में यह हिंसा अचानक ही नहीं भड़की है। जैसा आपको पहले बता चुके हैं कि पिछले 1 हफ्ते से अलसदर के समर्थक धरने पर बैठे हैं, इससे पहले जुलाई में इन प्रदर्शनकारियों ने इराक की संसद पर धावा बोल दिया था। बता दें कि प्रदर्शन कारी प्रधानमंत्री पद के लिए उममीदवार मोहम्मद शिया अल सुदानी का विरोध कर रहे थे। क्योंकि वे ईरान समर्थक है