एजेंसी। गैस पाइपलाइन परियोजना में प्रगति नहीं होने के चलते पाकिस्तान पर ईरान 18 अरब डॉलर का जुर्माना ठोकने की तैयारी कर रहा है। इसको लेकर ईरान ने पाकिस्तान को नोटिस पकड़ा दिया है। पाकिस्तान के लिए जुर्माने की राशि, दोनों देशों के बीच चल रही मिसाइलों के वार से ज्यादा घातक साबित हो सकती है, क्योंकि आर्थिक बदहाली झेल रहे पाकिस्तान के लिए 18 अरब डॉलर की राशि बहुत ज्यादा है।
दरअसल, ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन परियोजना में पाकिस्तान काम नहीं कर रहा है। इस दौरान पाकिस्तान के खिलाफ ईरान, इंटरनेशनल मध्यस्थता (International Arbitration) के लिए जा सकता है और इसके तहत पाकिस्तान पर 18 अरब डॉलर का जुर्माना लग सकता है। फिलहाल, एक रिपोर्ट के मुताबिक ईरान की ओर से गैस पाइपलाइन परियोजना की समय सीमा 180 दिन बढ़ाकर सितंबर 2024 तक की गई है।
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पाकिस्तान ने यह दिया जवाब
ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन परियोजना को लेकर पाकिस्तान का कहना है कि ईरान पर अमेरिका ने कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं, जिसकी वजह से परियोजना बाधित है। इसपर ईरान का कहना है कि अमेरिकी प्रतिबंध बताकर पल्ला झाड़ लेना उचित नहीं है। इराक और तुर्की लंबे समय से ईरान के गैस का प्रयोग कर रहे हैं, क्योंकि इरान और तुर्की ने अमेरिकी प्रतिबंधों पर छूट हासिल कर ली है।
तनाव की वजह से टीम पहुंचने में देरी
जियो न्यूज ने पाकिस्तान के अधिकारियों के हवाले से कहा कि ईरान ने गैस पाइपलाइन परियोजना को पूरा करने के लिए अपनी कानूनी और तकनीकी टीम को भेजने की बात कही है। ईरान के विशेषज्ञ गैस पाइपलाइन परियोजना से जुड़ी बातचीत करने के लिए 21 जनवरी को पाकिस्तान आने वाले थे, लेकिन दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव बढ़ जाने की वजह से ये टीम अभी तक पाकिस्तान नहीं आ सकी है।
रिपोर्ट के मुताबिक अब ईरान के एक्सपर्ट्स फरवरी के दूसरे सप्ताह में पाकिस्तान आएं गे। इस दौरान दोनों देशों की कोऑर्डिनेशन कमेटी इस परियोजना पर चर्चा करेगी। ईरान की टीम में अंतरराष्ट्रीय कानूनों के जानकार और इंजीनयरिंग के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
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अब तक दिए तीन नोटिस
एक रिपोर्ट के मुताबिक 2014 से ही इस परियोजना में देरी हो रही है। इसको लेकर ईरान की ओर से पाकिस्तान को अब तक तीन नोटिस दिए जा चुके हैं। ईरान ने आखिरी नोटिस करीब 25 दिन पहले दिया था। नोटिस में पाकिस्तान को चेतावनी दी गई है कि अगर परियोजना पर काम नहीं होगा तो 18 अरब डॉलर का जुर्माना देने के लिए पाकिस्तान तैयार रहे।