इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में शनिवार को तीन साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में उन पर सत्ता में रहने के दौरान महंगे सरकारी उपहार बेचने का आरोप है। इस्लामाबाद स्थित जिला एवं सत्र अदालत के अतिरिक्त न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने खान पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने कहा कि जुर्माना नहीं देने पर उन्हें और छह महीने तक जेल में रखा जाएगा। दिलावर ने अपने फैसले में कहा, “पाकिस्तान तहरीक-एइंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष के खिलाफ संपत्ति की गलत घोषणा करने के आरोप साबित हुए हैं।”
उन्होंने कहा, “इमरान खान ने जानबूझकर पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) के सामने (तोशाखाना उपहारों का) फर्जी विवरण प्रस्तुत किया और वह भ्रष्ट आचरण के दोषी पाए गए हैं।” उन्होंने निर्वाचन अधिनियम की धारा 174 के तहत खान को तीन साल जेल की सजा सुनाई। पिछले उदाहरणों के विपरीत खान को बिना किसी बड़े प्रतिरोध के हिरासत में लिया गया। शनिवार सुबह साढ़े 8 बजे शुरू हुई सुनवाई के दौरान जज ने इमरान के वकीलों की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई। उन्होंने बचाव पक्ष के वकील को अदालत में पेश होने के लिए कई मौके दिए।
गिरफ्तारी वारंट पर तत्काल अमल का निर्देश
न्यायाधीश दिलावर ने इस्लामाबाद के आईजीपी को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के वारंट का तत्काल अमल सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। अदालत के फैसले के बाद जैसे ही गिरफ्तारी वारंट मिले, इस्लामाबाद पुलिस ने पंजाब पुलिस के सहयोग से 70 वर्षीय इमरान खान को लाहौर में उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया। खान के परिवार ने मीडिया को यह जानकारी दी। पंजाब के सूचना मंत्री आमिर मीर ने एक बयान में कहा कि पुलिस खान को इस्लामाबाद ले जा रही है।
राजनीतिक भविष्य हो सकता है खत्म
इस फै सले से इमरान के राजनीतिक भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अगर ऊपरी कोर्ट इस सजा पर रोक लगा देती है तो वे आने वाले चुनाव में हिस्सेदारी कर सकेंगे। हालांकि, अगर उन्हेंराहत नहीं मिलती है तो चुनाव से दरू रहना पड़ेगा।
घरों में चुप नहीं बैठें : इमरान
अपनी गिरफ्तारी से पहले इमरान खान ने एक वीडियो शेयर कर कहा कि उन्हें इस गिरफ्तारी का अंदाजा पहले से ही था। इमरान खान ने वीडियो संदेश में कहा, “मेरे पाकिस्तानियों.. जब तक ये वीडियो आप तक पहुंचेगा वे लोग मुझे गिरफ्तार कर चुके होंगे। मेरी आपसे सिर्फ एक ही अपील है कि आपको घरों में चुपचाप नहीं बैठना है। मैं ये जद्दोजहद अपनी जात के लिए नहीं कर रहा… ये मैं अपनी कौम के लिए कर रहा हूं आपके लिए कर रहा हूं। आपके बच्चों के भविष्य के लिए कर रहा हूं।”
यह है तोशाखाना मामला
इमरान पर आरोप है कि उन्होंने 2018 से 2021 के बीच प्रधानमंत्री रहने के दौरान विदेशों से मिले उपहारों को तोशाखाना में जमा नहीं करवाए। उन्होंने इन उपहारों को बाजार में बेचकर पैसा कमाया, जबकि तोशाखाना अधिनियम के अनुसार विदेशों से मिलने वाले उपहारों को एक तय कीमत से ऊपर होने पर उसे तोशाखाना में जमा कराना होता है, लेकिन इमरान ने ऐसा नहीं किया।