पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने आजादी मार्च से सेना के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ दी है। इमरान खान खुलकर पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा और उनके करीबी आईएसआई चीफ नदीम अंजुम को निशाना बना रहे हैं। पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा संभवत: पहली बार हो रहा है कि पाकिस्तानी सेना एक नेता के दांव से चित हो गई है और उसे बैकफुट पर चलना पड़ रहा है। इमरान खान अब पाकिस्तानी सेना को उसी के हथियार से लगातार मात दे रहे हैं।
वहीं इमरान को प्रधानमंत्री पद की कुर्सी दिलाने वाले जनरल बाजवा अपने ‘भस्मासुर’ के आगे बेबस नजर आ रहे हैं। यह वही पाकिस्तानी सेना है जो अब तक राजनीति की पिच पाकिस्तान की आजादी के बाद से ही हमेशा विजेता रही है, लेकिन अब उसे अपने बनाए हथियार से ही मात मिल रही है।
बाजवा ने चलाया था प्रोजेक्ट इमरान
नवाज शरीफ के लाए जनरल बाजवा ने साल 2018 में शरीफ परिवार और जरदारी परिवार को पाकिस्तान की राजनीति से निपटाने के लिए प्रोजेक्ट इमरान खान को आगे बढ़ाया था। इमरान खान हमेशा से ही पाकिस्तान की शक्तिशाली खुफिया एजेंसी आईएसआई के लाड़ले रहे हैं। इमरान खान को कई आईएसआई चीफ ने सालों तक प्रशिक्षण दिया था। हालांकि किसी आर्मी चीफ ने उन पर दांव नहीं लगाया था।
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आजादी मार्च पाक के लिए ऐतिहासिक घटना
आईएसआई का चीफ दुनिया में सबसे शक्तिशाली लोगों में से एक होता है और उसका निर्देश एक तरह से पाकिस्तानी सेना प्रमुख का आदेश होता है। यही वजह है कि पाकिस्तान में मीडिया, नेता और कई बार न्यायपालिका भी उसके आदेश को मानती है। हालांकि अब सेना के ही पाले गए इमरान के हाथों हवा का रुख पूरी तरह से बदल गया है। इमरान क्रिकेट विश्वकप से ज्यादा बड़ी जीत की ओर बढ़ रहे हैं। यही वजह है कि इमरान के आजादी मार्च को पाक के लिए ऐतिहासिक घटना करार दिया जा रहा है। इमरान अब उसी सेना से खुलकर भिड़ रहे हैं जिसने उन्हें पाला था।