लंदन। स्पेस की हलचल पर अंतरिक्ष एजेंसियों की नजर रहती है। इसमें भी कोई बड़ी घटना हो तो तमाम एजेंसियों की रुचि बढ़ जाती है। अब अचानक वहा हलचल बढ़ गई है। हर एक दिन अलग-अलग तरह की घटनाएं हो रही हैं। उनमें से एक है धूमकेतू 12 पी/पोंस ब्रूक्स जो पिछले चार महीने में दूसरी बार फटा है। इस धूमकेतु की ऊंचाई हैरानी में डालने वाली है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि धरती पर सबसे अधिक ऊंचाई माउंट एवरेस्ट की है जो 8,848 मीटर ऊंचा है और इस धूमकेतु की ऊंचाई तीन गुनी है। इसे ठंडा ज्वालामुखी कहा जाता है। अगर इसके आकार की बात करें तो डायमीटर करीब 30 किमी है।
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होगा विस्फोट से हुए नुकसान का आकलन
इसी माह पांच अक्टूबर को इस धूमकेतु में महाविस्फोट हुआ था। इससे पहले जुलाई के महीने में इसमें महाविस्फोट हुआ था। ब्रिटिश एस्ट्रोनॉमिकल एसोसिएशन इस पर खास नजर रख रहा है। जब विस्फोट हुआ तो धूल के बादल का आवरण चारों तरफ फैल गया। इससे ऐसा लग रहा था कि धूमकेतु में सींग का निर्माण हो गया हो। इस विस्फोट की वजह से अंतरिक्ष में धूल की वजह से दूसरे खगोलीय पिंडों पर असर पड़ा है। उसके बारे में जानकारी इकट्ठी की जा रही है, ताकि उससे होने वाले नुकसान के बारे में पता चल सके।
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फॉल्कन जैसा नजर आया 12 पी
जानकार बताते हैं कि 12पी कोमा का अनियमित आकार फाल्कन जैसा नजर आने लगा, अभी फिलहाल यह साफ नहीं हो सका है कि पांच अक्टूबर को जो विस्फोट हुआ था उसकी तीव्रता कितनी थी, लेकिन बीएए का मानना है कि विस्फोट की तीव्रता कई गुणा अधिक थी और धूमकेतु के कोमा का आकार सिकुड़ गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि छोटे धूमकेतु जब धरती की तरफ बढ़ते हैं तो वातावरण की घर्षण की वजह से ज्यादातर हिस्सा जल जाता है। जहां तक 12पी की बात है तो निश्चित तौर पर खतरा बड़ा है।