लंदन। बीबीसी के प्रमुख रिचर्ड शार्प ने पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को आठ लाख पाउंड का ऋण दिलाने में अपनी भूमिका का खुलासा नहीं करके नियमों को तोड़ने संबंधी रिपोर्ट के बाद शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया। ब्रिटेन के करदाताओं के पैसे से वित्तपोषित ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) के अध्यक्ष 67 वर्षीय पूर्व बैंकर ने कहा कि जांच में पाया गया है कि उन्होंने सरकारी नियुक्तियों के लिए शासन संबंधी संहिता का उल्लंघन किया था। बैरिस्टर एडम हेप्पिन्स्टॉल के नेतृत्व में की गई स्वतंत्र समीक्षा में शार्प की नियुक्ति और जॉनसन को आठ लाख पाउंड का ऋण दिलाने में उनकी संलिप्तता की पड़ताल की गई।
अपने इस्तीफे पर ये बोले शार्प
बीबीसी के रिपोर्ट के मुताबिक शार्प ने एक बयान में कहा, “मैंने फैसला किया है कि बीबीसी के हितों को प्राथमिकता देना सही है, इसलिए मैंने बीबीसी के अध्यक्ष के रूप में विदेश मंत्री और बोर्ड के लिए इस्तीफा दे दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कंजरवेटिव पार्टी के डोनर रिचर्ड शार्प ने 2021 में तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के लिए लोन की व्यवस्था करने में मदद की थी।
पूर्व बीबीसी प्रमुख शार्प ने कहा कि वह नियमों से अनजान थे और उल्लंघन करने के बाद बीबीसी के हितों को प्राथमिकता देने के लिए इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने उत्तराधिकारी को खोजने के लिए सरकार को समय देने के लिए सहमत है। वे जून के अंत तक पद पर बने रहने के अनुरोध को मान रहे हैं।
कैसे होती है बीबीसी प्रमुख की नियुक्ति
बीबीसी प्रमुख की नियुक्ति सरकार की सिफारिश पर की जाती है। रिचर्ड शार्प की भी सिफारिश सरकार की तरफ से की गई थी। शार्प ने अपनी सिफारिश से पहले और बीबीसी अध्यक्ष पद पर नियुक्त होने से कुछ हफ्ते पहले, 2021 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जॉनसन के लिए ऋण की व्यवस्था करने में मदद की थी। इस खुलासे के बाद से ब्रिटिश सरकार द्वारा वित्तपोषित राष्ट्रीय प्रसारणकर्ता बीबीसी आलोचनाओं का सामना कर रहा है।