ऑस्ट्रेलिया में स्थित एक हिंदू मंदिर पर तोड़फोड़ का मामला सामने आया है। जिसका आरोप खालिस्तानियों पर लग रहा है। मंदिर के अध्यक्ष का कहना है कि मुझे मंदिर के पुजारी ने सुबह फोन कर इस मामले की जानकारी दी, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी अब मामले की जांच की जा रही है।
हिंदुओं को भड़काने की है कोशिश
इस मामले को लेकर हिंदू मानवाधिकार का कहना है कि इस घटना से ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले हिंदुओं को आतंकित करने का प्रयास किया जा रहा है जो कि बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऑस्ट्रेलिया के ही एक अखबार के मुताबिक पिछले महीनों में कई जगहों से मंदिर मंदिरों के तोड़ने की खबरें सामने आई है जो खालिस्तान समर्थकों के आक्रोश के रूप में देखा जा रहा है।
दरअसल उन्होंने 15 जनवरी 2020 को एक कर रैली के जरिए जनमत संग्रह कराया था और अपने लिए समर्थन हासिल करने की कोशिश की थी लेकिन इस जनमत संग्रह में उन्हें बहुमत तक नहीं मिला। इससे वे आक्रोशित हुए
बता दें कि उनकी इस रैली में सिर्फ सैकड़ा भर लोग थे। इसी के अगले दिन 16 जनवरी को तमिल हिंदू समुदाय के त्यौहार थाई पोंगल के दौरान कैरम डाउंस स्थित श्री शिव विष्णु मंदिर में भित्ति चित्रों को तोड़ दिया गया था। वहीं जनमत संग्रह से पहले 12 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया के एक मिल पार्क में स्वामीनारायण मंदिर की दीवारों पर हिंदू विरोधी भित्ति चित्र बना दिए गए थे। साथ ही भारत विरोधी नारे भी लिखे गए थे।
लगातार हिंदू मंदिरों को निशाना बनाए जाने का मामला अब खासा गरमा गया है। ऑस्ट्रेलिया के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले हिंदू और धर्मगुरु इस घटनाओं से काफी आक्रोशित हैं वह न्याय की मांग कर रहे हैं।
भारत में कार्रवाई की मांग उठाई
भारत में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि इस मामले को लेकर ऑस्ट्रेलियाई दूतावास में बात की गई है। इस तरह की घटना बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएंगी इस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की अपील की है।