वाशिंगटन। साल 1990 के बाद से दुनिया की आधे से ज्यादा बड़ी झीलें सूख चुकी हैं। इनके अलावा अन्य बड़े जलस्रोत भी तेजी से सूखे हैं। बढ़ते तापमान और जलवायु परिवर्तन की वजह से ऐसा हो रहा है। इस वजह से दुनिया के कई इलाकों में पानी की किल्लत हो रही है। खेती- बाड़ी, हाइड्रोपावर आदि के लिए पानी नहीं मिल रही है। वैज्ञानिकों की अंतरराष्ट्रीय टीम ने स्टडी में पता चला कि यूरोप और एशिया के बीच मौजूद कैस्पियन सागर, दक्षिण अमेरिका की टिटिकाका झील सब एक साथ भारी मात्रा में पानी खो रहे हैं। 22 गीगाटन की दर से पानी खो रहे हैं। ऐसा पिछले तीन दशकों से हो रहा है।
2000 से ज्यादा झीलों पर किया शोध
इस स्टडी को लीड करने वाले यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया के सरफेस हाइड्रोलॉजिस्ट फैंगफैंग याओ ने कहा कि आमतौर पर साइंटिस्ट ये सोचते हैं कि सूखे इलाके और सूखते जा रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। अब ह्मे यू डिटी वाले इलाके भी सूखते जा रहे हैं। फैंगफैंग और उनकी टीम ने दुनियाभर की 2000 से ज्यादा बड़ी झीलों की स्टडी की है। इन झीलों के करीब रहने वाली 200 करोड़ की आबादी अब पानी की किल्लत से जूझ रही है।
तापमान बहुत बढ़ जाएगा
वैज्ञानिक कह रहे हैं कि औसत वैश्विक तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस का इजाफा होने से रोकना है। मध्य एशिया में अरब सागर, मिडिल ईस्ट में डेड सी, अफगानिस्तान, मिस्र और मंगोलिया की झीलें बढ़ते तापमान की वजह से अपना जलभराव क्षेत्र खो रही हैं। अगर ऐसे ही ये सूखती रहेंगी तो वायुमंडल में भी पानी की कमी हो जाएगी। तापमान बहुत ज्यादा होगा। बारिश के पैटर्न में बदलाव आएगा।
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