लंदन। ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों ने एक खास तरह की मक्खी में सफल जेनेटिक इंजीनियरिंग करने का दावा किया है। इसे वर्जिन बर्थ का नाम दिया गया है। इस इंजीनियरिंग के बाद अब ये मादा मक्खिया बिना नर की आवश्यकता के संतान पैदा कर सकती हैं। इन मक्खियों की पहचान फ्रूज फ्लाइज (फल मक्खी) ड्रोसोफिला मेलानोगास्टर के तौर पर की गई है। यह अपने आप में ऐसा पहला उदाहरण भी है।
इस प्रयोग को का इस्तेमाल भविष्य में इंसानों पर किया जा सकता है। और तो और, ऐसी मक्खियों की संतान भी बिना नर के प्रजनन में सक्षम हैं। कुछ अंडे देने वाले जानवर, जैसे छिपकली और पक्षी बिना नर के बच्चे को जन्म देने की क्षमता रखते हैं। बहरहाल, कैम्ब्रिज विवि ने कहा कि पहली बार, वैज्ञानिकों ने एक ऐसे जीव में वर्जिन बर्थ को पाने में कामयाबी हासिल की है, जो आमतौर पर यौन प्रजनन करता है।
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लैंगिक रूप से प्रजनन वाली मक्खी
इस खोज में एलेक्सिस स्पर्लिंग और अमरीकी शोधकताओं की टीम ने फल मक्खी ड्रोसोफिला मेलानोगास्टर के साथ प्रयोग किया। फल मक्खी एक लैंगिक रूप से प्रजनन करने वाली प्रजाति है और लंबे समय से आनुवंशिक रिसर्च में प्रमुखता से इस्तेमाल होती रही है। इस प्रयोग से इस टीम को एक सदी से भी अधिक समय से कठिन माने जाने वाली पहेली को सुलझा लिया है। पिछले महीने ही कोस्टारिकन चिड़िघर से एक मादा मगरमच्छ ने अंडा दिया था, जो कभी नर के संपर्क में नहीं आई थी।
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ऐसे आया यह अनूठा विचार
यौन प्रजनन में नर के शुक्राणु द्वारा महिला के अंडे का निषेचन शामिल होता है। पार्थेनोजेनेसिस (वर्जिन बर्थ) के मामलों में मादा पूरी तरह से अपने दम पर अंडे को भ्रूण में विकसित करने में सक्षम होती है। नए अध्ययन की मुख्य लेखक और यूके के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के एक शोधकर्ता एलेक्सिस स्पर्लिंग ने बताया कि वर्जिन बर्थ के प्रति उनको विचार तब आया, जब उन्होंने अपने पालतू जानवर को लेकर ऐसा अनुभव किया।