उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक पति की दो पत्नियों को लेकर अजीबोगरीब मामला सामने आया है। पति के साथ रहने की शिकायत को लेकर दोनों पत्नियां महिला थाने के परामर्श केंद्र पर पहुंची। दोनों ही पत्नियां अपने पति को छोड़ना नहीं चाहती हैं। दोनों पत्नियों की शिकायत सुनकर परामर्श न्यायालय भी हैरान रह गया।
परामर्श न्यायालय दोनों पत्नियों की शिकायत को अनोखे तरह से सुलझाया। परामर्श न्यायालय ने पति को आदेश दिया कि महीने में 15 दिन उसे पहली पत्नी और 15 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहना पड़ेगा। इसी के साथ ही पति यह हिदायत भी दी कि अब उनके बीच कभी कोई भी लड़ाई-झगड़ा नहीं होना चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उज्जैन के घटिया गांव निवासी एक व्यक्ति की 15 साल पहले बामोरा में रहने वाली महिला से शादी हुई थी। शादी के कुछ सालों तक दोनों पति-पत्नी के बीच सब कुछ ठीक चलता रहा और उन्हे एक लड़का भी हुआ। लेकिन, पति-पत्नी के बीच विवाद बढ़ने से मनमुटाव होने लगा। बढ़ती लड़ाई न्यायालय की चौखट तक पहुंची। न्यायालय में इस विवाद को सुलझाने में लगभग 15 साल लग गए, और यह फैसला सुनाया कि युवक को अपनी पत्नी के साथ ही रहना पड़ेगा।
पति को छोड़कर उज्जैन आ गई दूसरी पत्नी…
अदालत ने युवक को पत्नी को साथ रखने के आदेश दे दिए, लेकिन अब परेशानी यहां से और शुरू हो गई। इन 15 साल में युवक एक अन्य महिला से दूसरी शादी कर चुका था, जिससे उसे दो संतान है।
अदालत के फैसले के बाद युवक की पहली पत्नी उसके साथ रहने जा पहुंची, जिससे युवक की बसी बसाई गृहस्थी में फिर तूफान आ गया। क्योंकि दोनों ही पत्नियां पति के साथ बिना नहीं रहना चाहती थीं। जिससे फिर इन लोगो में विवाद हुआ। युवक की दूसरी पत्नी अपने पति को छोड़कर उज्जैन अपने मायके आ गई।
दूसरी पत्नी ने परिवार परामर्श केंद्र में की शिकायत…
युवक की दूसरी पत्नी ने महिला थाने के परिवार परामर्श केंद्र में शिकायत कर दी। दूसरी पत्नी ने शिकायत में बताया कि उसे भी अपना अधिकार दिलाया जाए और अपने पति के साथ रहने दिया जाए। इस पूरे मामले को सुलझाने के लिए परिवार परामर्श केंद्र में बुलाकर युवक और उसकी दोनों पत्नियों को कई बार समझाया। लेकिन, जब दोनों पत्नियां कुछ भी समझने को तैयार नहीं हुईं तो परिवार परामर्श केंद्र के न्यायालय ने एक अनोखा फैसला सुनाया। परिवार परामर्श केंद्र ने अपना फैसला सुनाते हुए पति को 15 दिन पहली पत्नी और 15 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहने के साथ ही बच्चों की देखभाल करने की जिम्मेदारी भी दी गई है।
इस पूरे मामले को लेकर परिवार परामर्श केंद्र महिला थाने की प्रियंका सिंह परिहार से चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि दोनों ही पत्नियां अपना अधिकार मांग रही थीं। कई बार इन्हें समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन दोनों ही कुछ भी समझने को तैयार नहीं थीं। इसके लिए आखरी निर्णय यही निकला कि महिला का पति 15 दिन पहली पत्नी और 15 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहे, न्यायालय के इस फैसले पर पति और दोनों पत्नियों ने सहमति जताई है।