नई दिल्ली। आज के समय में ज्यादातर बच्चे अपना वक्त सोशल मीडिया फोन और लैपटॉप पर बिताते हैं। समय के अभाव और माता-पिता के अक्सर टोकने पर ज्यादातर बच्चे हर समय ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए फूड आइटम्स, गैजेट्स या दूसरे घरेलू आइटम्स मंगवाते रहते है। वहीं नीदरलैंड में 8 साल के एक बच्चे ने ऐसा कुछ मंगवा लिया जिसके देखकर मां के होश उड़ गए। नीदरलैंड की रहने वाली एक महिला ने बड़ा खुलासा किया। महिला ने दिए गए एक इंटरव्यू में बताया कि इंटरनेट के जरिए उसके 8 साल बेटे ने AK47 बंदूक खरीद ली और वह उसे किस तरीके से वह घर पर लेकर आया।
महिला ने दावा किया कि उसके 8 साल के बेटे ने डार्क वेब (Dark Web) के जरिए ऑनलाइन AK-47 ऑर्डर कर दी। महिला ने बताया कि ये राइफल जब घर पहुंची तो उसके होश उड़ गए। उसने फौरन जानकारी जुटानी शुरू की तो पता चला कि इसके पीछे इंटरनेट की काली दुनिया डार्क वेब थी, जहां धड़ल्ले से इस तरह के अवैध काम होते हैं।
‘हैकर्स के बहकावे में आया महिला का बेटा’
यूरो न्यूज को दिए गए एक इंटरव्यू में नीदरलैंड की ह्यूमन रिसोर्सेज एक्सपर्ट बारबरा जेमन बताया कि उनका 8 साल का बेटा बेहद कम उम्र में साइबर अपराध की दुनिया में पहुंच गया था। उन्होंने खुलासा किया कि उनका बेटा कंप्यूटर पर काफी ज्यादा वक्त बिताता था और उसने 8 साल की उम्र में हैकिंग भी शुरू कर दी थी। महिला ने यहां तक कहा कि हैकर्स ने उनके बेटे का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए भी किया।
बारबरा जेमन ने बताया कि जब भी हम बेटे के कमरे में जाते वो ऑनलाइन गेम्स खेलते वक्त कोड वर्ड में बात करता रहता था। चीजें तब बिगड़ीं जब पता चला कि बेटे ने AK-47 मंगवा ली है। बेटे ने सीमा शुल्क से बचने के प्रयास में बंदूक को पोलैंड से बुल्गारिया भेज दिया, फिर वो नीदरलैंड पहुंची।
महिला ने बताया कि मैंने मामले की गंभीरता को देखते हुए राइफल को स्थानीय पुलिस विभाग को सौंप दिया। पूछताछ के बाद पुलिस ने उसके बेटे के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की। पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि उनका बेटा अंतरराष्ट्रीय हैकरों के जाल में फंस गया था। इस घटना के बाद बारबरा ने खुद को साइबर सुरक्षा में ट्रेंड करने का फैसला किया। अब वह डच पुलिस में साइबर स्पेशल वालंटियर हैं।
‘बेटे ने शातिराना अंदाज में बुक की थी एके-47’
महिला ने बताया कि जब तक AK-47 उनके घर पर नहीं आई थी तब तक वह इस बात से अनजान थी कि उनका बेटा किस राह पर जा रहा है। जेमन बताया कि उनके बेटे ने बंदूक को बुक करने के लिए 1 महीने से ज्यादा का वक्त इंटरनेट पर व्यतीत किया और यह पता लगाया कि इसे किस तरह से मंगाया जा सकता है। जब यह बंदूक हमारे घर पर आई उस वक्त उनका बेटा बहुत खुश था, लेकिन मैंने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उसे पुलिस में सौंपने का निर्णय लिया।
जानिए क्या है डार्क वेब…
बता दें कि डार्क वेब इंटरनेट का वो हिस्सा है, जहां पर मौजूद कंटेंट तक Google, Bing जैसे सर्च इंजन के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता। इसके लिए स्पेशल ब्राउजर और परमिशन की जरूरत होती है। डार्क वेब पर मौजूद कंटेंट किसी कानून के दायरे में नहीं आता। इसके जरिए ड्रग्स, हथियार सहित तमाम गैरकानूनी काम होते हैं। ये Onion Routing टेक्नोलॉजी पर काम करता है, जो यूजर्स को ट्रैकिंग और सर्विलांस से बचाता है।
यहां पर ऐसे स्कैमर्स भी होते हैं, जो बेहद सस्ते में वो चीजें भी बेचते हैं जो बैन हैं। लोग सस्ते में चीज खरीदने के चक्कर में लाखों रुपये गवां देते हैं। ऐसे किसी स्कैमर के जाल में महिला का लड़का फंस गया और ऑनलाइन राइफल ऑर्डर कर डाली।
बच्चों को दीमक की तरह खा रही ऑनलाइन गेमिंग…
बारबरा कहती हैं कि आजकल यह बहुत आसान है कि कोई भी साइबर क्राइम का शिकार हो जाए। क्योंकि, अधिकांश बच्चों के पास लैपटॉप और मोबाइल हैं। एक अनजान क्लिक से वो हैकर्स के चंगुल में फंस सकते हैं। ऐसे में जागरूकता बहुत जरूरी है। इसके बाद ऑनलाइन गेमिंग के जरिए हैकर्स बच्चों को बहला-फुसलाकर उनसे अवैध काम करवाते हैं। उन्होंने कहा युवाओं को हैकिंग के दलदल में जाने से रोकना बड़ा मुद्दा है। उन्हें नहीं पता होता कि क्या यह कानूनी है और क्या अवैध इसलिए इस पर ज्यादा से ज्यादा काम करने की जरूरत है।