जयपुर नगर निगम ग्रेटर के वाल्मीकि समाज के कर्मचारियों की हड़ताल आखिर तीन दिन बाद खत्म हो गई। मंत्री महेश जोशी ने सफाई कर्मचारियों से बातचीत कर समझाया और फिर सफाईकर्मियों की मुख्य रूप से 3 मांगों पर सहमति जताई। जिसके बाद कर्मियों ने हड़ताल खत्म की।
महेश जोशी की समझाइश पर खत्म हुई हड़ताल
कैबिनेट मंत्री महेश जोशी की सफाई कर्मियों की यूनियन के साथ फोन पर सचिवालय में ये बातचीत हुई। प्रमुख शासन सचिव के नेतृत्व में यह बैठक कराई गई थी। इस बातचीत में LSG के आला अधिकारी, यूनियन के पदाधिकारी शामिल थे। महेश जोशी ने यूनियन के पदाधिकरियों से काफी देर तक समझाईश की। जिसके बाद तीन मांगों पर सहमति बनी। जिसके बाद यूनियन ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया। बता दें कि मंत्री महेश जोशी सफाई श्रमिक यूनियन के संरक्षक भी हैं।
इन मुद्दों पर बनी बात
महेश जोशी ने जिन तीन प्रमुख मुद्दों पर सहमति जताई है उनमें 30 हजार सफाई कर्मियों की भर्ती शुरू होगी जिसके लिए स्वायत्त शासन विभाग सरकार से स्वीकृति लेगा। इस भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता दी जाएगी। भर्ती की गाइडलाइन पर श्रमिक यूनियन की भी राय ली जाएगी, जिसके बाद ही ये मसौदा तैयार होकर भर्तियां निकाली जाएंगी।
इन मांगों को लेकर वाल्मीकि समाज के कर्मचारी थे हड़ताल पर
संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डांडोरिया ने बताया था कि जो सफाई कर्मचारियों की भर्ती निकाली जाती हैं, उसमें आरक्षण लागू नहीं हो लेकिन उसमें वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता दी जाए। यूडीएच की ओर से विज्ञप्ति जारी हुई थी। जिसमें 30 हजार पदों के बजाय 13 हजार 164 कर्मचारियों की भर्ती निकाली गई थी। इसलिए प्रशासन 30 हजार पदों पर ही भर्ती निकाले।
इसके अलावा साल 2018 के पहले सफाई कर्मचारियों को संविदा के तौर पर काम में लिया गया था। उन्हें भी नियुक्ति दी जाए। हमारी इन मांगों को लेकर पहले तो प्रशासन ने हामी भर दी थी लेकिन अब वही हमसे वादाखिलाफी कर रहा है। इसलिए हमारे पास अब हड़ताल पर जाने के अलावा और कोई चारा नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएंगी तब तक भी हड़ताल पर ही रहेंगे। बहरहाल अब इनकी मुख्य तौर पर तीन मांगें मान ली गई हैं। बाकी पर भी चर्चा चल रही है।