राजस्थान में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इसे सवाल का जवाब तलाश करने के लिए रविवार को कांग्रेस आलाकमान की तरफ से विधायकों के बीच रायशुमारी करने के लिए प्रदेश प्रभारी अजय माकन और मल्लिका अर्जुन खड़गे को भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री निवास पर शाम 7 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई गई है।
बैठक में जहां मुख्यमंत्री पद को लेकर माकन और खड़गे विधायकों से बात करेंगे वही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने की तारीख भी तय की जाएगी। प्रदेश के मंत्री और निर्दलीय विधायक खुले में गहलोत के समर्थन में हैं। इनका कहना है कि प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन का यह सही समय नहीं है। वे इस बात को लेकर सोनिया गांधी व राहुल गांधी से भी मुलाकात करेंगे।
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वहीं दूसरी तरफ शनिवार को मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे सचिन पायलट से मिलने गहलोत गुट के कई विधायक पहुंचे। विधायक दल की बैठक से पहले मुख्यमंत्री रविवार को जैसलमेर की तनोट माता मंदिर में दर्शन कर पूजा- अर्चना करेंगे।
गहलोत राजकाज में रहे व्यस्त, नवरात्र में नामांकन दाखिल करेंगे!
सीएम अशोक गहलोत पूरे दिन राजकाज में व्यस्त रहे। उन्होंने कई विभागों से संबंधित महत्वपूर्णनिर्णय भी किए। साथ ही, उन्होंने अपने समर्थक विधायकों और नेताओं के साथ आगामी रणनीति पर चर्चा भी की। मुख्यमंत्री पद की सियासत को लेकर तेजी से चलता घटनाक्रम यह इशारा कर रहा है कि आने वाले दिनों में गहलोत और पायलट गुट में खेमाबंदी नजर आएगी।
नवरात्र में नामांकन दाखिल करेंगे!
इस बीच संभावना है कि गहलोत अगले सप्ताह यानी नवरात्र में पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करेंगे। हालांकि इस बारे में अभी आधिकारिक तौर पर कु छ नहीं कहा गया है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए घोषित कार्यक्रम के अनुसार, नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी।
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गहलोत की छत्रछाया में हों विधानसभा चुनाव
मुख्यमंत्री के सलाहकार बाबूलाल नागर ने कहा, सरकार पूरे पांच साल चले और अगली सरकार भी कांग्रेस की बने, इसके लिए जरूरी है कि 2023 के विस चुनाव गहलोत की छत्रछाया में हो। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने इस कार्यकाल में चार बजट पेश किए हैं। इनमें उन्होंने राजस्थान के आम आवाम को इस तरह से प्रभावित किया है कि आज राजस्थान के लोग चाहते हैं कि पांचवां बजट भी गहलोत ही मुख्यमंत्री के रूप में पेश करें।
दोनों पद पर रहे गहलोत तो सुखद
राज्य में मुख्यमंत्री बदले जाने की अटकलों को लेकर आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि चूंकि साल भर में राज्य में चुनाव होने हैं। ऐसे में अगर आलाकमान गहलोत को दोनों पद (पार्टी अध्यक्ष व मुख्यमंत्री) पर रखता है तो यह हमारे लिए ज्यादा सुखद होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मेरा मानना तो यह है कि दोनों पद साथ चलते रहें। स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री का नाम पार्टी आलाकमान तय करता है। सोनिया गांधी जो तय करेंगी वह सबको मंजूर होगा।
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उन्होंने कहा कि मैं तो गहलोत के साथ था, राजनीति में शुरू से ही, तीसरी बार मंत्री हूं। आलाकमान ने हमेशा गहलोत जी को बनाया है और आलाकमान, जिसको बना देगा, मैं उसके साथ हूं। खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान में अब नेतृत्व परिवर्तन का समय नहीं है। चुनावों में गहलोत के किए कामों को लेकर ही जाना है तो उन्हें बदलने का तुक नहीं है। गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ सीएम रहते हैं तो चुनाव में फायदा होगा।
राजनीतिक फैसले नियम के आधार पर नहीं किए जाते: विधायक लोढ़ा
मुख्यमंत्री के एक अन्य सलाहकार व निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने एक अखबार को दिए अपने साक्षात्कार को शेयर करते हुए ट्वीट किया कि राजनीतिक फै सले नियम के आधार पर नहीं किए जा सकते। वक्त की नजाकत, जरूरत, राय, अपेक्षा, उम्मीद सब का मिश्रण ही निर्णय की सफलता का मार्ग बना सकता है। लोढ़ा ने कहा कि उनकी निजी राय में गहलोत को ही मुख्यमंत्री बनाए रखा जाए।
राज्य के तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ.सुभाष गर्ग ने गहलोत को दोनों पदों पर बनाए रखने की वकालत करते हुए लोढ़ा के ट्वीट पर जवाब देते हुए लिखा कि बिल्कुल सही लिखा। मुझे ध्यान है कि नीलम संजीव रेड्डी 1960 से 1963 तक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, तब 20 मार्च 1962 से 20 फरवरी 1964 तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे।
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सचिन पायलट के नाम की चर्चा ज्यादा
राज्य में अगले साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। गहलोत के पार्टी अध्यक्ष चुनाव लड़ने की औपचारिक घोषणा किए जाने के बाद राज्य में सरकार का मुखिया बदले जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। इस पद के लिए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी का नाम भी चल रहा है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ.जोशी 2008 में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे, लेकिन विधानसभा चुनाव एक वोट से हार गए थे।
इस बीच जाट महासभा सहित कई संगठनों ने किसी जाट नेता को मुख्यमंत्री बनाने की मांग भी उठानी शुरू कर दी है। वहीं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की पैरवी करते हुए उन्हें ’बेस्ट फे स’ बताया है। उन्होंने यहां मीडिया से कहा, कांग्रेस में सचिन पायलट से बेस्ट फेस अब और कोई बचा नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके हिसाब से पायलट का मुख्यमंत्री बनना तय है।