Bihar Political Crisis : बिहार में JDU-BJP गठबंधन की सरकार गिर गई है। यह गठबंधन अब टूट गया है। नीतीश कुमार आज ही अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। वे लालू यादव की RJD के साथ गठबंधन कर सरकार बनाएंगे। इसके अलावा शाम 5 बजे भाजपा ने कोर ग्रुप कमेटी की बैठक बुलाई है। वहीं नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीपा सौंप दिया।
इधर लालू प्रसाद भी हर गतिविधि पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। उनके बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सारे काम खुद कर रहे हैं। वहीं बैठक में नीतीश कुमार ने भाजपा के खिलाफ कई बयान दिए हैं। उन्होंने यहां तक कि कह दिया कि भाजपा ने उन्हें हमेशा अपमानित किया है। हालांकि ये पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार ने चलती हुई सरकार से अपना दामन छुड़ाया हो। नीतीश कुमार इससे पहले भी भाजपा के साथ गठबंधन की सरकार से अपना नाता तोड़ चुके हैं।
साल 2013 में BJP से 2017 में कांग्रेस-RJD से तोड़ा था गठबंधन
BJP और JDU का गठबंधन साल 1998 में हुआ था। नीतीश कुमार को साल 2013 में भाजपा की ओर से लोकसभा चुनाव प्रचार की कमान नरेंद्र मोदी को सौंपना पसंद नहीं आय़ा था। इसलिए उन्होंने भाजपा से अपना गठबंधन तोड़ लिया और RJD के साथ सरकार बना ली। इसके बाद बिहार के साल 2015 विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की JDU ने लालू की RJD औऱ कांग्रेस के साथ महागठबंधन कर सरकरा बनाई थी।
लेकिन साल 2017 में इस महागंठबंधन की गांठ ढीली पड़ गई। जिसके बाद नीतीश ने 26 जुलाई को बिहार के सीएम पद से इस्तीफ दे दिया औऱ अपने पुराने साथी भाजपा के साथ चली आई। जिसके बाद नीतीश ने भाजपा के साथ प्रदेश में सरकार बनाई थी।
साल 2020 में जब बिहार विधानसभा चुनाव हुए तो एक बार फिर भाजपा और JDU के गठबंधन की सरकार बनी। लेकिन नीतीश कुमार के भाजपा से कई मामलों में मतभेद आने लगे। जनसंख्या कानून, अग्निपथ योजना, जातिगत जनगणना पर JDU ने विरोधी रुख दिखाया है। जिसका नतीजा रहा कि आज यानी सरकार बनने के दो साल बाद ही यह गठबंधन टूट गया।