देश में जल्दी ही 5G सर्विस शुरू होने की घोषणा के साथ ही Mobile Tower लगाने के नियमों में भी छूट देने का निर्णय लिया है। अब टेलीकॉम कंपनियों को मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए नए मोबाइल टावर लगाने या निजी संपत्ति पर तार बिछाने के लिए सरकारी विभागों या प्राधिकरण से अनुमति नहीं लेनी होगी। इस संबंध में केन्द्र सरकार ने ‘मार्ग के अधिकार’ नियम को नोटिफाई करते हुए 17 तारीख को सूचना जारी की है।
नए नियमों के तहत लिखित में देनी होगी जानकारी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार ने सरकारी प्रोपर्टी पर मोबाइल रेडियो एंटीना लगाने या टेलीकॉम के तार लगाने के लिए लागू शुल्क की दरों में भी बदलाव कर दिया है। सरकार द्वारा पारित किए गए भारतीय टेलीग्राफ मार्ग अधिकार (संशोधन) नियम, 2022 के तहत अब कंपनियों को मोबाइल टावर या सेटअप लगाने के पहले संबंधित विभाग को लिखित में जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही उन्हें इस बात का सर्टिफिकेट भी देना होगा कि वे जहां पर अपना टावर इंस्टॉलेशन का कार्य कर रहे हैं, वह जगह या संरचनात्मक ढांचा इस कार्य के लिए पूरी तरह से सुरक्षित भी है।
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सरकार द्वारा जारी नए नोटिफिकेशन में दरों को रिवाईज करते हुए बताया गया है कि ट्रैफिक इंडिकेटर जैसे स्ट्रीट फर्नीचर का उपयोग करने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को शहरी क्षेत्रों में 300 रुपए सालाना और ग्रामीण क्षेत्रों में 150 रुपए सालाना का शुल्क चुकाना होगा। Mobile Tower से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप केन्द्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट देख सकते हैं।
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Mobile Tower लगवाने के नाम पर हो रहे फ्रॉड से बचें
इन दिनों ऐसी कई घटनाएं देखने में आई हैं जिनमें घरों या व्यापारिक प्रतिष्ठानों की छतों पर मोबाइल टावर लगाने का झांसा देकर लोगों से पैसे लिए जा रहे हैं। उन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने का शुल्क मांगा जा रहा है। इस संबंध में दूरसंचार विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए आम जनता से कहा है कि वे इस तरह Mobile Tower लगवाने के दावों से बचें और इस संबंध में सरकार तथा टेलीकॉम अधिकारियों द्वारा जारी आदेशों को ही प्रामाणिक मानें।