वर्ल्ड का सबसे बड़ा सर्च इंजन बने रहने के लिए गूगल हर साल 83 हजार करोड़ रुपए खर्च करता है। यह दलील अमेरिका सरकार ने यूएस की सरकार ने गूगल के खिलाफ वहां की एक अदालत में चल रही एंटी-ट्रस्ट मामले की सुनवाई के दौरान कहीं थी। आइए जानते है क्या है पूरा मामला?
यह बात हम सभी जानते हैं कि इंटरनेट की इस दुनिया में सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल है, हम किसी भी जानकारी के लिए गूगल पर सर्च करते हैं। वर्ल्ड मार्केट में बादशाहत को कायम रखने के लिए गूगल हर साल 10 बिलियन डॉलर मतलब 83000 करोड़ रुपए की रकम खर्च करता है। अमेरिका की एक अदालत में गूगल के खिलाफ एंटी-ट्रस्ट मतलब मार्केट में कॉम्प्टीशन को नुकसान पहुंचाने के एक मामले में सुनवाई चल रही है।
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बता दें कि वाशिंगटन की जिस अदालत में गूगल के खिलाफ ‘एंटी-ट्रस्ट’ मामले की यह सुनवाई चल रही है, 12 सितंबर को वह भीड़ से भरी हुई थी, अमेरिकी सरकार के न्याय विभाग की दलील थी कि वर्ल्ड मार्केट में अपनी बादशाहद कायम बनाने रखने के लिए गूगल अपनी बेशुमार संपत्ति का उपयोग कर रही है, जिससे वह दुनिया का सबसे पसंदीदा सर्च इंजन बना रहे। सरकार के वकील केनीथ डिंटजर ने कहा, अपना रूतबा कायम रखने के लिए गूगल हर साल 10 अरब डॉलर मतलब 83 हजार करोड़ रुपए खर्च करती है।
अदालत में गूगल ने दिया संतोषजनक जवाब
अदालत में सुनवाई के दौरान गूगल ने संतोषजनक जवाब देकर अपना बचाव किया है। गूगल ने दलील में कहा, इंटरनेट यूजर्स उसके सर्च इंजन पर उसकी क्वालिटी के चलते भरोसा करते हैं। इस पर सरकारी वकील ने कहा कि गूगल अपने कॉन्ट्रैक्ट्स के जरिए से यह सुनिश्चित करती है कि उसके प्रतिद्वंदी सर्च इंजन सर्च इंजन क्वालिटी और एड मॉनेटाइजेशन को मैच ही नहीं कर सकें। फोन यूजर्स के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है, इसी प्रकार बीते 12 साल से गूगल की धाक जमी हुई है और यह हर बार गूगल के पक्ष में वर्क करती है।
एकाधिकार को लेकर चिंता
अमेरिकी अदालत में गूगल के खिलाफ चल रही यह एंटी-ट्रस्ट केस बीते कई दशकों में इस तरह का सबसे बड़ा मामला है। टेक इंडस्ट्रीज के एक्सपर्ट लंबे वक्त से इस क्षेत्र में गूगल जैसी बड़ी कंपनियों के एकाधिकार (मोनोपॉली) को लेकर चिंता जताते रहे हैं। एंड्रॉइड की बदौलत गूगल फोन मार्केट के बड़े भाग पर एकाधिकार रखता है। वहीं भारत में भी मार्केट डोमिनेंस बनाए रखने के लिए अनैतिक बिजनेस टिप्स अपनाने को लेकर गूगल पर भारत में भी 1338 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जा चुका है।