AI Smartphone : AI की एक ऐलान ने स्मार्टफोन कंपनियों की हवा निकालकर रख दी है। भारतीय मूल के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने एक ऐसा डिवाइस बना दिया है जो मोबाइल का भविष्य बनने वाला है। एक पिन जैसे इस डिवाइस में स्क्रीन नहीं है, लेकिन आप वीडियो कॉलिंग कर सकेंगे। कॉल और एमएमएस के साथ फोटो खींचना और वीडियो बनाना तो बहुत आसान है। यह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) से लैस छोटा सा डिवाइस है।
कैसे काम करता है डिवाइस
पिन जैसे इस डिवाइस में ना स्क्रीन और ना ही कोई डिस्प्ले है। AI के साथ कंप्यूटिंग हार्डवेयर को मिलाकर इसे बनाया गया है। पिन के टॉप पर कैमरा और सेंसर लगा है, जो विजुअल को आपके हाथों पर प्रोजेक्ट कर देता है और आपकी हथेली एक मोबाइल स्क्रीन की तरह काम करने लगती है। आप इसे टेबल, दीवार या किसी भी सतह पर प्रोजेक्ट करके बिल्कुल मोबाइल स्क्रीन की तरह देख सकते हैं। इस डिवाइस को पीन की तरह कपड़ों पर लगाया जा सकता हैं, जो फोटो खींचने से लेकर टेक्स्ट भेजने और आपके किसी सवाल का जवाब देने का भी काम करेगा, क्योंकि इसमें ChatGPT की तरह पॉवरफुल वर्चुअल असिस्टेंट भी लगा है।
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डिवाइस की कीमत कितनी है?
इस डिवाइस के फीचर सुनकर आपको लग रहा होगा कि बहुत महंगा होगा, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। अमेरिकी बाजार में बिकने वाले इस AI पिन की कीमत किसी आईफोन से भी कम है। इसकी कीमत 57,318 रुपए रखी गई है और इसका नाम टी मोबाइल रखा गया है। इस डिवाइस में हर महीने 1968 रुपए का रिचार्ज भी करना होगा।
भारतीय ने बनाई है ये डिवाइस
इस AI पिन को भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक इमरान चौधरी ने बनाया है। इमरान करीब 4 साल से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे, लेकिन पूरा प्रोजेक्ट इतना गोपनीय था कि किसी को भनक तक नहीं लगी। आखिर उन्होंने खुद सामने आकर इसकी खासियत बताई। इमरान साल 2017 तक ऐपल की डिजाइन टीम का प्रमुख हिस्सा थे। उन्होंने आईफोन, आईमैक, आईपैड और ऐपल टीवी की डिजाइन में अहम रोल निभाया था।
दिग्गज कंपनियों ने किया निवेश
साल 2018 में उन्होंने ऐपल छोड़कर ह्यूमेन नाम से अपना एक खुद का वेंचर शुरू किया। सैन फ्रांसिस्कों के इस स्टार्टअप को अब तक 23 करोड़ डॉलर की फंडिंग मिल चुकी है और कंपनी का वैल्यूएशन 85 करोड़ डॉलर (करीब 6 हजार करोड़) पहुंच चुका है। इस स्टार्टअप में OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमेन की 15% हिस्सेदारी ळै। इसके अलावा Salesforce के सीईओ मार्क बेनिओफ, माइक्रोसॉफ्ट, एलजी, वॉल्वो और क्वालकॉम जैसी दिग्गज कंपनियों ने भी निवेश किया है।
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