Chandrayaan-3: चांद पर लंबी रात के बाद अब सूर्योदय, विक्रम-प्रज्ञान से संपर्क की तैयारी जागा तो होगा कमाल

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ फिर से संपर्क स्थापित करने की तैयारी कर रहा है। लैंडर और रोवर को पिछले पंद्रह दिनों से स्लीप मोड में रखा गया है। हालांकि, शिव शक्ति पॉइंट पर सूरज की रोशनी आने के साथ ही उनके परिचालन स्थितियों में सुधार होने की उम्मीद है।

Chandrayaan 3 2 | Sach Bedhadak

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ फिर से संपर्क स्थापित करने की तैयारी कर रहा है। लैंडर और रोवर को पिछले पंद्रह दिनों से स्लीप मोड में रखा गया है। हालांकि, शिव शक्ति पॉइंट पर सूरज की रोशनी आने के साथ ही उनके परिचालन स्थितियों में सुधार होने की उम्मीद है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसरो ने बताया कि चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में चंद्रयान-3 लैंडिंग साइट पर सूर्योदय हो गया है और वे बैटरी के रिचार्ज होने का इंतजार कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि उन्हें विक्रम लैंडर और प्रज्ञान के साथ फिर से संचार स्थापित होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सूर्योदय मिशन के लिए एक महत्वपूर्णक्षण है क्योंकि यह लैंडर और रोवर को अपना काम जारी रखने लिए आवश्यक गर्मी प्रदान करेगा।

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इसरो ने कहा है कि वे 22 सितंबर को संचार प्रयासों को शुरू करने से पहले तापमान के एक निश्चित स्तर से ऊपर बढ़ने का इंतजार करेंगे। चंद्रमा की सुबह के साथ इसरो को उम्मीद है कि यदि इलेक्ट्रॉनिक्स सर्द रात में जीवित रहने में सक्षम होते हैं तो मिशन अपने अभूतपूर्व अन्वेषण को फिर से शुरू कर सकता है।

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चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था। यह मिशन पहले ही महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल कर चुका है। इसने चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर उतरकर पहले ही एक कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन गया है।