अभी हाल ही में गहलोत सरकार में मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भरतपुर में अशोक गहलोत के सामने प्रदेश की खस्ताहाल सड़कों का मुद्दा उठाया था कि अब उदयपुर के झाड़ोला से सड़क पर बच्चे को जन्म देने की खबर आई है। जानकारी के मुताबिक झाड़ोल के लीलाघर गाँव में एक महिला को प्रसव पीड़ा के बाद एंबुलेंस से झाड़ोल के सीएचसी ले जाया जा रहा था। लेकिन उबड़-खाबड़ रास्तों के वजह से 108 नंबर की एंबुलेंस काफी देर से पहुंची। अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला को तेज प्रसव पीड़ा शुरू हो गई, जिसके बाद ग्रामीण महिलाओं ने साड़ी की आड़ में महिला का प्रसव कराया। हालांकि जच्चा-बच्चा दोनों खतरे से बाहर हैं। प्रसव होने के बाद 108 नंबर की एंबुलेंस झाड़ोल के सीएचसी पहुंची।
‘भजनलाल जाटव की वजह से बंधा है गले में पट्टा’
यहां गौर करने वाली बात है कि विश्वेंद्र सिंह ने प्रदेश की खस्ताहाल सड़कों पर भरतपुर में अपनी ही सरकार के मंत्री को मंच से घेरा था। उन्होंने कहा था कि इन सड़कों की वजह से ही प्रसुताओं की डिलीवरी सड़कों पर ही हो जाती है। साथ ही भी कहा था आज मेरे गले में ये पट्टा पीडब्ल्यूडी मंत्री भजन लाल की वजह से है। जिले में सड़कों की हालत इतनी खराब है लोगों का स्वस्थ्य शरीर भी बीमारियों का घर बन जाए। मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि सीएम साहब में आपका सबसे बड़ा पायलट हूं, क्योंकि मेरे पास नागरिक उड्डयन विभाग है।
खराब सड़कों पर CM गहलोत भी जता चुके है नाराजगी
गौरतलब है कि प्रदेश को 1500 करोड़ की सड़कों, पुल और फ्लाईओवर की सौगात देते वक्त गहलोत ने आखिरी सांसें लेती सड़कों का मुद्रादा उठाय़ा था। उन्होंने कहा था कि कई एक्सईएन तो ठेकेदारों के पार्टनर बन गए है। इस कारण से सड़कों की क्वालिटी इतनी खराब बन जाती है कि छह महीने में ही टूट जाती हैं। सीएम ने कहा था कि मैं नीचे वालों को जिम्मेदार नहीं मानूंगा, जिम्मेदारी चीफ इंजीनियर की है। अपने गृह जिले जोधपुर को लेकर कहा कि शहरों में सड़कें खस्ताहालत में है जोधपुर में मैं खुद देखकर आया हूं, वहां सड़कें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। उन्होंने कहा था कि सिर्फ जोधपुर ही नहीं कई शहरों में सड़कों की हालत खराब हैं। उन्होंने कहा था कि अधिकारी इन मामलों पर ध्यान दें और स्थिति की रिपोर्ट एक महीने में मेरे पास भेजें।