अलवर। सरिस्का बाघ परियोजना में बाघों की गणना की जाएगी। NTCA की निर्धारित फेज फोर्थ प्रोटोकॉल के तहत 10 दिसंबर से 17 दिसंबर तक बाघ परियोजना सरिस्का में वन्यजीवों की गणना की जाएगी। इसके लिए ये गणना ट्रांजेक्ट लाईन सर्वे, कैमरा ट्रैप पद्धति से की जाएगी गणना के लिए सरिस्का करणा का बास वन चौकी पर रेंज सरिस्का और रेंज टहला के वनकर्मियों को अरूण कुमार डी. सहायक वन संरक्षक अनुसंधान सरिस्का और रिसर्च बायोलोजिस्ट वाईल्ड लाईफ इंस्टीट्यूट आफ इण्डिया की अरित्रा रॉय, गायत्री बखले, सुमंद्रिता बनर्जी ने फील्ड प्रशिक्षण दिया।
वनकर्मियों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण
उप वन संरक्षक बाघ परियोजना सरिस्का ने सभी स्टाफ को वन्यजीवों के आंकलन के जुड़े हुए सभी जरूरी दिशा-निर्देश दिए। प्रशिक्षण के बाद सभी वनकर्मियों को तारूण्डा वनक्षेत्र मे ट्रांजेक्ट लाईन पर फिल्ड अभ्यास करवाया गया। इसी प्रकार अन्य रेंज तालवृक्ष, अकबरपुर, अलवर बफर, अजबगढ़ स्टाफ को भी गणना सम्बंधी फिल्ड प्रशिक्षण एवं फिल्ड अभ्यास करवाया जाएगा। इससे पहले पूरे स्टाफ को वन्यजीवों के आंकलन के सम्बंध मे सरिस्का मुख्यालय पर 14 नवंबर से 16 नवंबर तक जी.पी.एस., कम्पास, रेंज फाईन्डर, मोबाईल एप सम्बंधी प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
ये रहेगा कार्यक्रम
फेज फोर्थ प्रोटोकॉल के तहत 10 दिसंबर से 13 दिसंबर तक सुबह बाघ, बघेरा और अन्य पशुओं के चिन्हों का सर्वे, पशुओं के लिए ट्रैक प्लॉटस पी.आई.पी और गिद्ध सर्वे किया जाएगा। 14 दिसंबर को सुबह ट्रांजेक्ट लाईन पर वन्यजीवो और पशुओं की गणना, वनस्पति का सर्वेक्षण, मानवीय व्यवधान, भूमि आच्छादन का सर्वेक्षण, वन्यप्राणियों और पशुओं के मल का सर्वेक्षण किया जाएगा। इसे बाद 15, 16 औऱ 17 दिसंबर को भी यही कार्य किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान पंकज कुमार मीणा सहायक वन संरक्षक टहला प्रशिक्षु योगेश कुमार गुर्जर, क्षेत्रीय वन अधिकारी प्रशिक्षु जितेन्द्र सिंह चौधरी, क्षेत्रीय वन अधिकारी सरिस्का और रेंज सरिस्का स्टॉफ, रेंज टहला स्टॉफ उपस्थित रहे।
( रिपोर्ट- नितिन शर्मा)