जयपुर नगर निगम ग्रेटर उपचुनाव की जैसे-जैसे तारीख पास आती जा रही है, वैसे-वैसे दोनों मुख्य पार्टियों में अपने-अपने पार्षदों को बचाने की जद्दोजहद तेज होती जा रही है। भाजपा के पार्षद चौमूं के होटल में मौज कर रहे हैं, तो वहीं कांग्रेस के पार्षद कांग्रेस के विधायक सांगानेर के एक रिजॉर्ट के स्वीमिंग पूल में चिल करते नजर आ रहे हैं। पार्षद तो मौज में हैं लेकिन दोनों पार्टियां इस जुगत में सिर खपा रही हैं कि इस बार शहर में किसकी ‘छोटी सरकार’ आएगी।
क्या सच है खाचरियावास का दावा ?
कांग्रेस पार्षदों की बाड़ेबंदी में सभी 52 पार्षद तो नहीं पहुंचे लेकिन दावा किया जा रहा है कि सभी पार्टी के ही साथ हैं, इनके सोमवार यानी आज शाम तक रिजॉर्ट पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। वहीं भाजपा के भी सभी पार्षदों में से कुछ पार्षद गायब बताए जा रहे हैं। इससे कांग्रेस मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के उन दावों को बल मिल रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कुछ भाजपा पार्षद कांग्रेस के साथ आना चाहते हैं। हालांकि इधर पार्टी का कहना है कि भाजपा के पार्षदों को तोड़ा नहीं जा सकता। अब भाजपा क पार्षद किसके साथ हैं यह तो वोटिंग के वक्त ही पता चलेगा। लेकिन इस समय चुनाव के लिए जो भागमभाग दोनों पार्टियों में मची हुई है। उससे ऐसा लग रहा है कि शायद इस बार भी नंबरगेम देखने को मिल सकता है।
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बोर्ड बदलने पर 3 सालों में होगा पूरा काम!
दोनों ही पार्टियों के पार्षद अपने-अपने होटल्स में फुल ऑन मूड में नजर आ रहे हैं। कोई यहां स्वीमिंग पूल मेंआनंद ले रह है तो कोई क्रिकेट खेलकर अपना समय व्यतीत कर रहा है। पार्षदों का तो यह भी कहना है कि उन लोगों को लग ही नहीं रहा कि वे बाड़ेबंदी में हैं, उन्हें तो यहां बहुत मजा आ रहा है। साथ ही उनका कहना है कि कांग्रेस प्रत्याशी हेमा सिंघानिया के मेयर बनने के लिए हम सभी एकजुट हुए हैं। यहां निगम में भाजपा के बोर्ड में 2 सालों में कोई काम नहीं किया अब कांग्रेस का बोर्ड बनने पर 3 सालों में ही ऐसा काम करके दिखाएंगे की इन 3 सालों में 5 सालों का काम पूरा हो जाएगा।
क्या इस बार नंबर गेम करेगा ‘खेल’
अगर नंबरगेम की बात करें तो भाजपा को वैसे को चिंता करने की जरूरत नहीं है लेकिन क्रॉस वोटिंग का डर तो पार्टी को सता ही रहा है। भाजपा के सभी विधायक चौमूं के होटल भी नहीं पहुंचे, इसलिए इसकी संभावना और भी ज्यादा बढ़ जाती है कि क्या बड़े पैमाने पर क्रॉस वोटिंग हो सकती है। आपको बता दें कि भाजपा के पास कुल 72 पार्षद हैं और कांग्रेस के पास इस समय 52 पार्षद हैं, हालांकि ये सभी अभी बाडेबंदी से बाहर हैं। यानी बाड़बंदी में सभी पार्षद किसी भी पार्टी के नहीं पहुंचे जाहिर है अब क्ऱस वोटिंग का डर तो दोनों पार्टीयों को सता रहा है।
‘झूठा है खाचरियावास का दावा’
वहीं निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावत का कहना है कि इस बार हमें 100 से ज्यादा वोट मिलेंगे। कांग्रेस के पास तो संख्याबल भी नहीं है। कर्णावत ने भाजपा के पार्षदों के टूटने के खाचरियावास के दावे को भी खारिज किया है। उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी के खिलाफ नहीं जाएगा। कांग्रेस सिर्फ खरीद-फरोख्त में विश्वास रखती है। यह विचारधारा रखने वाली कांग्रेस की इस बार करारी हार होगी। अब इस बार निगम में बोर्ड किसका बनेगा इसके नतीजे तो बाड़ेबंदी में मौज कर रहे पार्षद ही अपने वोटों से देंगे।