अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में जहां राम मंदिर बन रहा है। वहीं अयोध्या से करीब 25 किलोमीटर दूर धन्नीपुर में एक मस्जिद भी बन रही है। बताया जा रहा है कि यह मस्जिद देश की सबसे बड़ी होगी। मस्जिद ‘मोहम्मद बिन अब्दुल्ला’ का निर्माण कार्य जोर-शोर से चल रहा है। बीते दिनों इस मस्जिद मोहम्मद बिन अब्दुल्ला को लेकर एक नई जानकारी सामने आई है कि नई मस्जिद के निर्माण की नींव मक्का के इमाम रखेंगे।
मस्जिद में होंगी तमाम तरह की खासियत
अयोध्या के धन्नीपुर में बन रही मस्जिद ‘मोहम्मद बिन अब्दुल्ला’ के चेयरमैन और बीजेपी नेता हाजी अरफात शेख ने बताया कि इस मस्जिद में तमाम ऐसी खासियतें होंगी, जो इसे दुनियाभर की मस्जिदों से अलग बनाएगी। उन्होंने बताया कि यह मस्जिद ताजमहल से भी खूबसूरत होगी। इस मस्जिद में 5,000 पुरुषों और 4,000 महिलाओं समेत 9,000 श्रद्धालु एक साथ नमाज अदा कर सकेंगे।
भारत की सबसे बड़ी मस्जिद में होगी विश्व की सबसे बड़ी कुरान
यह भारत की सबसे बड़ी मस्जिद होगी। इस मस्जिद में दुनिया की सबसे बड़ी कुरान भी होगी और इसका रंग केसरी होगा। ये 21 फीट ऊंची और 36 फीट चौड़ी होगी। मस्जिद में बड़े-बड़े फव्वारे भी होंगे। अरफात शेख ने बताया कि यह पूरी दुनिया में अपनी तरह की अनोखी मस्जिद होगी और इसका नाम इतिहास में लिखा जाएगा।
एक बार में 5000 लोग एक साथ खा सकेंगे खाना…
हाजी अरफात शेख ने बताया कि इस मस्जिद में सभी के लिए शाकाहारी लंगर की सुविधा होगी। यह पहली मस्जिद होगी जहां सभी समुदाय के लोग आएंगे और भोजन करेंगे। इस मस्जिद में एक समय में 5000 लोग एक साथ खाना खा सकेंगे।
शेख ने कहा कि मस्जिद में न केवल दुआ होगी बल्कि दवा भी होगी, यानि यहां दुआ और दवा का केंद्रबिंदु होगा। मस्जिद में 500 बेड का विश्वस्तरीय कैंसर अस्पताल होगा और यूपी के किसी भी व्यक्ति को टाटा कैंसर हॉस्पिटल मुंबई या कहीं और नहीं जाना पड़ेगा।
इतना ही नहीं इसमें डेंटल, मेडिकल और इंजीनियरिंग के विभिन्न कॉलेज भी होंगे। उन्होंने कहा कि मानवता के आधार पर इस मस्जिद के बगल में विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी और इसे पर्यटन स्थल भी घोषित किया जाएगा। शेख ने बताया कि मस्जिद में पांच मीनारें होंगी जो इस्लाम के पांच स्तंभों कलमा, नमाज, रोजा, हज और जकात का प्रतीक होंगी।
ऐसे कर सकेंगे दान…
मस्जिद के लिए दान क्यूआर कोड के माध्यम से किया जाएगा और घर-घर जाकर चंदा एकत्र नहीं किया जाएगा। अरफात शेख ने कहा कि इसका कार्य जल्द पूरा होने की उम्मीद है और उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि जल्द ही सभी अनुमतियां दी जाएं।
नवंबर 2022 में मस्जिद ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने बताया था कि अगस्त, 2020 में मस्जिद निर्माण में सहयोग के लिए बैंक डिटेल जारी किए गए थे। लगभग साल भर पहले तक बैंक खाते में 40 लाख रुपए चंदा आया था। चंदे का करीब 30% हिस्सा कॉर्पोरेट से आया है। बाकी 70 फीसदी में 30% मुस्लिम समुदाय से और 40% हिंदू समुदाय की तरफ से आया था।