Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तराखंड सुरंग के अंदर दो सप्ताह से अधिक समय से फंसे 41 श्रमिकों को बचाने को लेकर अभियान में हर मोड़ पर नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। बचाव दल हर चुनौती से निपटने के लिए अपनी योजनाएं बदल रहे हैं। पिछले 16 दिनों से लगातार मजदूरों को निकालने की कोशिश जारी है। इस समय, जैसे-जैसे ऑपरेशन आगे बढ़ रहा है, बचाव दल श्रमिकों तक पहुंचने के लिए कई दिशाओं से ड्रिलिंग कर रहे हैं।
मैन्युअल ड्रिलिंग हुई पूरी
ताजा अपडेट के अनुसार उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए मैन्युअल ड्रिलिंग काम शुरू हो चुकी है। एक मीटर की मैन्युअल ड्रिलिंग का काम पूरा कर लिया गया है और पाइप को 1 मीटर तक अंदर धकेल दिया गया है। मैन्युअल ड्रिलिंग टनल से ऑगर मशीन बाहर निकालने के बाद शुरू हुई है।
एयरलिफ्ट किए जाएंगे यूपी के मजदूर
टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर यूपी सरकार के समन्वयक अरुण कुमार मिश्रा का कहना है कि यहां जो भी हो रहा है तो हमारी जिम्मेदारी है कि वो हम यूपी सरकार को दें। जब मजदूर निकलेंगे तो उन्हें यहां उनके घर तक पहुंचाने की हमारी जिम्मेदारी है। यूपी के 8 लोग यहां फंसे हुए हैं। उनके लिए हमारी सरकार ने एयरलिफ्ट की व्यवस्था की है।
पीएम के प्रमुख सचिव सिल्क्यारा टनल पहुंचे
प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा और मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू उत्तराखंड के सिल्क्यारा टनल पर पहुंच थे। पीएम मोदी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए है।
13 नवंबर को ढह गई थी सुरंग
उत्तराखंड के सिल्क्यारा में निर्माणाधीन सुरंग 13 नवंबर की सुबह ढह गई थी, जिसमें 41 मजदूर फंस गए थे। मजदूरों को बचाने के लिए ऑगर मशीन का उपयोग किया गया, लेकिन अब तक कामयाबी हाथ नहीं लग सकी है।