peacocks died in Bikaner : जयपुर। बीकानेर में सेरूणा थाना क्षेत्र के मणकरासर गांव में दो दर्जन राष्ट्रीय पक्षी मोर सहित करीब 50 पक्षी मृत मिलने से प्रशासन में हड़कंप मच गया। वहीं, एक साथ इतने पक्षियों की मौत से ग्रामीण भी सकते में आ गए। प्रथम दृष्टया मौत का कारण कुछ जहरीला पदार्थ खा लेना माना जा रहा है। दूसरी ओर ग्रामीणों का कहना है कि बीकानेर में पड़ रही कड़ाके की ठंड से भी पक्षियों की मौत हो सकती है। लेकिन यह तो साफ है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह राज खुलेगा कि आखिर इतने सारे पक्षियों की मौत कैसे हुई?
ग्रामीणों ने बताया कि कुछ मोर के शनिवार सुबह ही शव मिल गए थे और कुछ ने बाद में तड़पते हुए दम तोड़ा। ग्रामीण ने आसपास के क्षेत्रों में चक्कर काटे ताकि कोई मोर बीमार अवस्था में मिले तो वन विभाग की टीम और वेटरनरी डॉक्टर्स के सुपुर्द किया जा सके। प्रथम दृष्टया मौत का कारण कुछ जहरीला पदार्थ खा लेना माना जा रहा है। हालांकि वन विभाग या वेटरनरी डॉक्टर्स ने अधिकृत तौर पर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है।
करीब 50 पक्षियों की गई जान
बता दें कि माणकासर गांव में शनिवार सुबह राष्ट्रीय पक्षी मोर के शव गांव में जगह-जगह फैले हुए मिले। इसके बाद अन्य पक्षी भी मृत अवस्था में मिले। लोगों ने देखा कि कुछ मोर के शव पड़े हैं। आसपास घूमने पर कुछ और शव दिखाई दिए। जिसमें 6 कौवे, 24 मोर, 6 तीतर, 4 कबूतर, एक दर्जन चिड़िया धीरे-धीरे मृत मोर की संख्या पच्चीस के आसपास पहुंच गई। गांव वालों ने ही वन विभाग को सूचना दी। आपणो गांव सेवा समिति के सेवादार भी मणकरासर पहुंचे है। पक्षियों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए बीकानेर भेजा गया है। वहीं, डॉक्टरों ने इलाज कर आठ बीमार पक्षियों की जान बचा ली।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलेगा राज
डॉक्टर्स का कहना कि पक्षियों की मौत किसी जहरीले पदार्थ या फिर खेत में पड़े कीटनाशक के खाने से हुई होगी। विभाग ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। रिपोर्ट आने के बाद ही मामले के का खुलासा हो सकेगा। इससे पहले वन विभाग की टीम ने घटनास्थल पर ग्रामीणों से पूछताछ की और आसपास के क्षेत्र में जांच की। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पक्षियों के शव पर किसी भी प्रकार के चोट के निशान नहीं हैं।