उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक विस्फोट मामले मे बारूद बेचने वाले पिता-पुत्र को 4 दिन की पुलि रिमांड पर भेजा गया है। आज दोनों पिता-बेटे को SOG ने कोर्ट में पेश किया गया था। यहां से कोर्ट ने बिहारीलाल और अंकुश सुहालका को गिरफ्तार कर भेज दिया है। हालांकि ATS ने आरोपियों की 5 दिनों की रिमांड मांगी थी लेकिन कोर्ट ने 4 दिन का रिमांड मंजूर की। अब इस मामले की सुनवाई 23 नवंबर को होगी।
ये हैं मुख्य आरोपी
ओड़ा रेल विस्फोट मामले में एसओजी ने बीते गुरुवार को मुख्य आरोपी धूलचंद मीणा (32), प्रकाश मीणा (18) और एक 17 वर्षीय किशोर को हिरासत में लिया था। साथ ही विस्फोटक बेचने वाले एक व्यक्ति को भी पकड़ा था। गिरफ्तारी के बाद एडीजी (एटीएस एवं एसओजी) अशोक राठौड़ ने खुलासा किया था धूलचंद मीणा की उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन के पास ही जमीन थी। ट्रैक बनाने के लिए जमीन का अधिग्रहण हुआ था। इस दौरान उसे मुआवजा भी कम मिला था। तभी से वह नाराज चल रहा था। इसका बदला लेने के लिए उसने ट्रैक उड़ाने की साजिश रची थी। उन्होंने बताया था कि रेलवे और हिंदुस्तान जिंक ने धूलचंद मीणा की जमीन का 1974-75 और 1980 में अधिग्रहण किया था। इसके लिए उसको मुआवजा या नौकरी नहीं मिली। वह कई साल से प्रयासरत था, लेकिन कहीं से भी कोई मदद नहीं मिलने को कारण उसने (धूलचंद ने) गुस्से में इस घटना को अंजाम दिया।
ये था मामला
बता दें कि उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रेक पर पुल को उड़ाने के मामले में पुलिस ने UAPA के तहत मामला दर्ज कर लिया था। पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने UAPA की धारा 16 और 18 के तहत केस दर्ज किया है। बता दें कि यह मामला उदयपुर-सलम्बूर मार्ग पर केवड़े की नाड में स्थित रेलवे पुल पर हुआ था। अब तक हुई जांच में सामने आय़ा है कि इस ट्रैक को ब्लास्ट कराने के लिए अज्ञातों ने सुपर पॉवर 90 कैटेगरी का विस्फोटक का इस्तेमाल किया था।
ट्रैक पर कम होता है ट्रेनों का आवागमन
जानकारी के मुताबिक ओडा पुल के पास बीते रविवार को रेल पटरी क्षतिग्रस्त मिली। कई जगह से नट-बोल्ट गायब मिले। वहीं, पटरी के बीच लगी लोहे की प्लेट भी उखड़ी हुई मिली। घटना डूंगरपुर रेलवे स्टेशन के नजदीक बने ओडा पुल की है। इस ट्रैक पर ट्रेनों का आवागमन कम होने के कारण बड़ा हादसा टल गया। रेलवे अधिकारियों ने पुल के दुरुस्त नहीं होने तक ट्रेनों का संचालन रोक दिया गया था। बता दें कि 31 अक्टूबर को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मानगढ़ धाम के दौरे पर आए थे। उन्होंने उस समय रेल लाइन का उद्घाटन किया था।