Isha Bijarania Indian Navy: भारतीय नौसेना अकादमी पहली बार महिलाओं के लिए नौ पद सृजित किये गये। झुंझुनूं की बेटी ईशा ने यह परीक्षा पास की है। वह इसी महीने 14 जनवरी से एशिया की सबसे बड़ी भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए), एझिमाला, केरल से प्रशिक्षण लेंगी। इसके बाद पहली पोस्टिंग लेफ्टिनेंट के पद पर होगी। देशभर की सिर्फ 9 बेटियों का चयन हुआ है, जिसमें ईशा एक हैं।
नौ लड़कियों में झुंझुनूं की बेटी भी शामिल
झुंझुनूं जिले के बेरला गांव की ईशा बिजारणिया भारतीय नौसेना में तकनीकी शाखा से लेफ्टिनेंट बनेंगी। ऐसा करने वाली वह देश की पहली नौ लड़कियों में शामिल होंगी। इस ब्रांच से लेफ्टिनेंट बनने वाली वह जिले की पहली लड़की होंगी। ईशा के पिता जिला परिषद झुंझुनू में डिस्ट्रिक्ट आईईसी हैं।
पहले ही प्रयास में मिली सफलता
ईशा के पिता अजीत सिंह बिजारणिया ने बताया कि भारतीय नौसेना के ‘सेवा चयन बोर्ड’ (एसएसबी) में तकनीकी शाखा से 12वीं और जेईई मेन्स उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों के लिए जून में भर्ती आयोजित की गई थी। इसमें पहली बार महिलाओं के लिए नौ पद सृजित किये गये। पहले भी जगह मिलती थी, लेकिन पहले सिर्फ युवकों की ही भर्ती होती थी। ईशा ने ये परीक्षा पास कर ली है। वह इसी महीने 14 जनवरी से एशिया की सबसे बड़ी भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए), एझिमाला, केरल से प्रशिक्षण लेंगी। इसके बाद पहली पोस्टिंग लेफ्टिनेंट के पद पर होगी।
बचपन का सपना पूरा हुआ
चयन के बाद ईशा ने बताया कि बचपन से ही उनका सपना सेना में एक वरिष्ठ अधिकारी बनने का था. उन्हें 10वीं में 89 फीसदी और 12वीं में 90 फीसदी अंक मिले थे. फिलहाल राजोटा से बीएससी कर रही हूं। एनसीसी में भी रहे थे. ईशा के दादा दलीप सिंह हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड, खेतड़ी में कर्मचारी थे। इसलिए मेरी पढ़ाई भी खेतड़ी नगर में ही हुई. मां राजबाला शासकीय कन्या विद्यालय माकड़ो में शिक्षिका हैं। भाई अभिनव बास्केटबॉल खिलाड़ी हैं।