जयपुर। इन दिनों प्रदेश में खाद की कमी से जहां-तहां किसानों के प्रदर्शन करने की खबरें आ रही है, जिससे सरकार के सामने भी परेशानी खड़ी हो गई है। लेकिन अब कृषि विभाग ने इसका तोड़ा निकाला है। विभाग ने यूरिया और डीएपी की टैगिंग कर दूसरे सामान बेचने के खिला सख्त पाबंदी लगा दी। वहीं इसका उल्लंघन करते पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस तरह हो रही की कालाबाजारी
इस आदेश की जानकारी देते हुए कृषि आयुक्त कानाराम ने बताया कि राज्य में इस साल बारिश अच्छी हुई है। जिससे रबी की फसलों की बुवाई का क्षेत्र बढ़ने के कारण उर्वरकों की मांग ज्यादा बढ़ी है। इसलिए किसानों को मांग के अनुसार समय पर खाद उपलब्ध कराना भीजरूरी है, लेकिन कुछ आपूर्तिकर्ता कम्पनियों और उर्वरक विक्रेता इसमें घोटाले कर रहे हैं। वे यूरिया और डीएपी के साथ सल्फर, नैनो यूरिया, हरबीसाईड, पेस्टीसाईड, सूक्ष्म तत्व मिश्रण जैसे अन्य उत्पादों की टैगिंग कर बेच रहे हैं। जो कि बिल्कुल गलत है। ऐसा करना एफसीओ, 1985 एवं उर्वरक संचलन आदेश और आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के उल्लंघन में आता है। इस संबंध में केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय ने भी टैगिंग नहीं करने और टैगिंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रावाई करने के निर्देश जारी किए हैं।
कृषि आयुक्त कानाराम ने कहा कि सभी उर्वरक विक्रेता अपने पास पर्याप्त खाद की मात्रा और स्टॉक रखें। स्टॉक की मात्रा और उसकी कीमत भी एक लिस्ट में लिखें इसका इंतजाम करें। इसके अलावा उन्होंने खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए सभी कृषि सबंधित अधिकारियों को अपने जिले में कार्यरत अधिकृत उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों और भण्डारगृहों का समय-समय पर निरीक्षण करने को भी कहा है। साथ ही सीजन के दौरान उर्वरकों की बिक्री पर लगातार निगरानी रखने के भी निर्देश दिए हैं।
स्पीकर ओम बिरला ने भी दिए थे दिशा-निर्देश
बता दें कि खाद की इस समस्या को लेकर लोकसभा स्पीकर और कोटा सांसद ओम बिरला ने केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय के सचिव के साथ बैठक की थी और खाद की आपूर्ति के लिए दिशा-निर्देस दिए थे। इस बैठक में स्पीकर ओम बिरला ने आदेश दिए कि अब हर रोज यूरिया के आठ रैक राजस्थान भेजे जाएंगे। उर्वरक मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश देते हुए बिरला ने कहा था कि राजस्थान में यूरिया की कमी नहीं आनी चाहिए। जिससे राज्य के किसानों को किसी भी तरह से परेशान का सामना न करना पड़े। यूरिया के साथ अटैचमेंट दिए जाने पर भी बिरला ने सख्त निर्देश दे दिया। बिरला ने खाद के लिए कम्पनियों को पाबंद करने के लिए भी कहा था।
टोंक में खाद को लेकर हुआ था प्रदर्शन
बता दें कि पिछले दिनों ही टोंक के देवली से खाद की कमी को लेकर किसानों के प्रदर्शन की तस्वीरें सामने आई थीं। यूरिया लेने के लिए कस्बे के सेवल गांव के किसान 10 दिनों से कृषि केंद्र पर चक्कर लगा रहे थे और खाली हाथ लौट रहे थे। जिससे गुस्साए किसानों ने कोटा रोड पर स्थित पेट्रोल पंप के बाहर जाम लगा दिया था। जाम लगने के बाद सहायक कृषि अधिकारी किसान केंद्र विभाग के बाहर खाद न मिलने का नोटिस चस्पा कर दिया गया तो किसानों का गुस्सा और फूट पड़ा।