जयपुर। आज राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष किशनलाल जैदिया (राज्यमंत्री दर्जा) की अध्यक्षता में सुबह 11.00 बजे निदेशालय स्वायत्त शासन विभाग के सभागार में पहली साधारण बैठक हुई। इस बैठक में सफाई कर्मचारियों के हित में कई अहम फैसले लिए गए।
बैठक में राज्य सफाई कर्मचारी आयोग ने चर्चा की, कि राज्य सफाई मजदूरों द्वारा हाथ से मैला ढोने वाले कर्मियों के नियोजन एवं पुर्नवास के लिए स्वच्छकारों का फिर से सर्वे कराया जाएगा। वहीं इस सर्वे की सूची आगे की कार्यवाही के लिए राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के जरिए राज्य सरकार को भिजवायी जायेगी। नगरीय निकायों में सफाई कर्मचारी भर्ती में परम्परागत सफाई कार्य से जुड़े परिवार जैसे वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता दिए जाने और समाज के अभ्यर्थियों को अनुभव प्रमाण पत्र में छूट दिये जाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाये जाने का निर्णय लिया गया है।
सफाईकर्मियों के वेतन संबंधी ये हुए फैसले
वाल्मीकि समाज के अलावा अन्य जाति के सफाई कर्मचारियों को उनके मूल पद पर लगाने के लिए सभी नगरीय निकायों को 7 दिन में निर्देशित किया जाये और इस संबंध में उनसे सूचना प्राप्त की जाए। बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि नगरीय निकायों में सफाई कर्मचारी भर्ती की चयन समिति में राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्यों को प्रतिनिधि के रूप में मनोनीत किए जाने के सम्बन्ध में प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाए। नगरीय निकायों में सफाई कर्मचारियों के मासिक वेतन व अन्य देय लाभ परिलाभों का समय पर भुगतान किये जाने के सम्बन्ध में बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा सभी नगरीय निकायों को कर्मचारियों के वेतन भत्तों के भुगतान के लिए एकजाई चुंगी कोष तैयार कर भुगतान की व्यवस्था की गई है।
नई भर्ती जल्द होंगी शुरू
राज्य की सभी नगरीय निकायों में सफाई कर्मचारी ड्राईवर के पद पर कार्य कर रहे, उन्हें ड्राईवर के पद पर पदोन्नत्ति करने के लिए नियमों में शिथिलता दिये जाने के सम्बन्ध में राज्य सरकार को प्रस्ताव भिजवाने का निर्णय लिया गया। वहीं राज्य की सभी नगरीय निकायों में सफाई कर्मचारियों की कमी को देखते हुए सफाई कर्मचारियों की भर्ती करने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भिजवाया जायेगा, साथ ही अनुकम्पात्मक नियुक्ति के प्रकरणों में नियमानुसार शिथिलता देने तथा परिवीक्षा काल पूर्ण करने वाले सफाई कर्मचारियों को स्थायीकरण किये जाने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किये जायेंगें।
न्यायालय द्वारा सफाई कर्मचारियों की भर्ती के संबंध में लिये फैसलों की पालना जल्द ही नियमानुसार की जायेगी। वर्ष 2018 की भर्ती में जिन विधवाओं की नियुक्ति नहीं हो पायी थी, उन्हें 2012 के नगर पालिका (सफाई कर्मचारी सेवा) भर्ती नियम के अनुसार नियुक्ति मिल सके और राज्य की नगरीय निकायों में जो सफाई कर्मचारी दैनिक वेतन, संविदा या ठेके कर्मचारी के रूप में कार्य कर रहे है, उन्हें आगामी भर्ती में प्राथमिकता दिए जाने के लिए राज्य सरकार को सफाई कर्मचारी आयोग की अभिशंषा का प्रस्ताव भिजवाया जाये।
पुनर्वास के लिए चलाया जाएगा अभियान
इसके अलावा बैठक में अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा में सफाई कर्मचारियों के पुनर्वास के लिए विषेष अभियान चला कर जिलेवार सब्सिडी के साथ लोन दिए जाने के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी गई। इस संबंध में जल्द ही जिलेवार शिविरों का आयोजन किया जायेगा। इस मद में इस वर्ष सरकार द्वारा राशि रू. 20 करोड़ निर्धारित किये गये है। बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि नगरीय निकायों द्वारा सफाई कर्मचारियों को पहचान-पत्र उपलब्ध करवाये जायेंगे।
बता दें कि इस बैठक में राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष दीपक डण्डोरिया, सदस्य सत्यनारारण भूमल्या, राहुल महाराज, प्रकाश हड़ाले, ओमप्रकाश लोहिया एवं देवबाला राठौड़, स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव हृदेश कुमार शर्मा, अतिरिक्त निदेशक एवं सचिव राज्य सफाई कर्मचारी आयोग राकेश कुमार, वित्तीय सलाहकार महेन्द्र मोहन, उपनिदेशक (प्रशासन) श्री नरेन्द्र कुमार वर्मा तथा सवाईमानसिंह चिकित्सालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के प्रतिनिधी एवं अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।